दिल्ली के स्कूलों में बंद की गईं आउटडोर एक्टिविटीज, बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए जारी की गाइडलाइन
दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। आउटडोर गतिविधियां बंद कर दी गई हैं, और इनडोर शिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। मास्क अनिवार्य कर दिए गए हैं, और कक्षाओं में एयर प्यूरिफायर लगाए गए हैं। छात्रों को प्रदूषण से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

मास्क पहनने के साथ-साथ स्कूलों में इनडोर गतिविधियों पर दिया जा रहा जोर।
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते अब स्कूल प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सरकारी व निजी स्कूलों ने खुद ही विंटर एक्शन प्लान के तहत प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बच्चों के लिए सलाह जारी की है।
बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षण दोनों को संतुलित रखने के लिए स्कूलों में इनडोर शिक्षण वातावरण, मास्क अनिवार्यता और स्वच्छ वायु क्लब जैसी गतिविधियां लागू की जा रही हैं। सभी स्कूलों ने सुबह की प्रार्थना सभा खुले मैदान में पूरी तरह से बंद कर दी है। कई निजी स्कूलों में अभिभावकों के सहयोग से कक्षा स्तर पर एयर प्यूरिफायर भी लगाए गए हैं।
न्यू राजेंद्र नगर स्थित मानव स्थली स्कूल की निदेशक ममता वी. भटनागर ने बताया कि सभी कक्षाओं में एयर प्यूरिफायर लगा है जो स्कूल के घंटों के दौरान चलता है। साथ ही बच्चों को यह भी सिखाया जा रहा है कि वे एक-दूसरे के साथ मास्क, पानी की बोतल या टिफिन साझा न करें और अपने खान-पान में पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखें।
वहीं, आईपी एक्सटेंशन स्थित एवरग्रीन पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका गुलाटी ने कहा कि स्कूल में आउटडोर गतिविधियां रोक दी गई हैं और इनडोर खेल व रचनात्मक खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि बच्चों की ऊर्जा और उत्साह बना रहे।
आरके पुरम स्थित रामजस स्कूल की प्रधानाचार्या रिचा शर्मा ने बताया स्कूल में स्थापित इको क्लब वायु प्रदूषण से बचाव के लिए स्कूल स्तर पर आवश्यक कदम उठा रहा है। सभी छात्रों और स्टाफ को मास्क पहनने की सलाह दी गई है और आउटडोर गतिविधियों को फिलहाल सीमित किया गया है।
अभिभावकों और शिक्षकों से कार पूलिंग का आग्रह किया गया है ताकि वाहनों से निकलने वाले धुएं को घटाया जा सके। खेल अवधि में अब आउटडोर खेलों की जगह इनडोर खेल, व्यायाम और माइंडफुलनेस गतिविधियां कराई जा रही हैं, विशेषकर उन दिनों जब वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब होती है।
द्वारका स्थित आइटीएल पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य सुधा आचार्या ने बताया कि प्रार्थना सभा और योग सत्र मैदान में नहीं, बल्कि कक्षाओं के अंदर कराए जा रहे हैं ताकि बच्चे प्रदूषित हवा के सीधे संपर्क में न आएं।। बच्चों को मास्क पहनने और स्वच्छता के नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
वहीं दिल्ली सरकार के अधीन कई सरकारी स्कूलों ने भी अपने स्तर पर सख्त कदम उठाए हैं। एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल परिसर में धूल को कम करने के लिए नियमित रूप से वाटर स्प्रिंकलर चलाए जा रहे हैं।
खेल गतिविधियों की जगह अब योग, संगीत, नृत्य और माइंडफुलनेस गतिविधियों को शामिल किया जा रहा है ताकि बच्चों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों को प्रदूषण से बचाव के तरीकों और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करें।

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