दिल्ली विश्वविद्यालय में भर्ती नियम बदलने पर हंगामा, पांच दिनों से धरने पर बैठे अतिथि शिक्षक और शोधार्थी
Delhi University Protest दिल्ली विश्वविद्यालय में भर्ती नियमों में बदलाव के विरोध में अतिथि शिक्षक और शोधार्थी पांचवें दिन भी धरने पर बैठे रहे। आंदोलनकारियों का कहना है कि नए नियम उनकी नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान दे। शोधार्थी भी अतिथि शिक्षकों का समर्थन कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi University Pro दिल्ली विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों और शोधार्थियों का धरना लगातार तेज होता जा रहा है। उत्तरी परिसर के कला संकाय के गेट नंबर-4 पर पिछले पांच दिनों से चल रहा यह विरोध अब कैंपस की बड़ी चर्चा बन गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने चल रही भर्ती प्रक्रिया में अचानक नियम बदल दिए, जिससे कई योग्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार से बाहर कर दिया गया है।
धरने पर बैठे शिक्षकों और शोधार्थियों का कहना है कि वे बिना टेंट, दरी और पानी जैसी मूल सुविधाओं के भी ठंड में प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। इनमें वे शिक्षक भी शामिल हैं जो वर्षों से विभिन्न महाविद्यालयों में सेवाएं दे रहे हैं या शोध कार्य से जुड़े हैं।
बैनर या पोस्टर लगाने की नहीं मिली इजाजत
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि प्रशासन ने धरनास्थल पर बैनर या पोस्टर लगाने की अनुमति तक नहीं दी, जिससे नाराजगी और बढ़ गई है। उनकी मांग है कि सभी योग्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया जाए और चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो।
अतिथि शिक्षकों और शोधार्थियों ने यह भी सवाल उठाया कि जब विश्वविद्यालय पहले ही पांच हजार से अधिक नियुक्तियां कर चुका है, तो अचानक नियम बदलाव की आवश्यकता क्यों महसूस हुई। उनका कहना है कि नया नियम यूजीसी शिक्षक पात्रता विनियम 2018 और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विपरीत है।
धरने के पांचवें दिन भी बड़ी संख्या में शिक्षक और शोधार्थी समर्थन देने पहुंचे, हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है।

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