स्मॉग की चादर में लिपटा दिल्ली-NCR, गाजियाबाद के वसुंधरा में सबसे खराब AQI; क्या है राजधानी का हाल?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर फिर से गंभीर हो गया है, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है, जहाँ AQI 377 तक पहुँच गया है। विशेषज्ञों ने ठंडी हवा की कमी, निर्माण कार्य और वाहनों के धुएं को प्रदूषण का मुख्य कारण बताया है। लोगों को मास्क पहनने और घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण। जागरण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर से सांस के लिए खतरा बन गई है। बुधवार सुबह तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। राजधानी के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे शहरों में भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं की कमी, निर्माण कार्यों की धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं इस समय प्रदूषण के मुख्य कारण बने हुए हैं। हवा की कम रफ्तार के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंसे हुए हैं, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
गाजियाबाद सबसे जहरीला, सिरी फोर्ट-पूसा भी 'गंभीर' श्रेणी में
दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से जहरीली हो गई है। गाजियाबाद में AQI 377 तक पहुँच गया, जबकि सिरी फोर्ट और पूसा-2 में 328 दर्ज किया गया। नेहरू नगर में 321 और वजीरपुर में 308 AQI के साथ ये सभी इलाके 'गंभीर' श्रेणी में हैं। ऐसे में सांस लेने में तकलीफ, आँखों में जलन और दृश्यता में कमी आम हो गई है। विशेषज्ञों की सलाह है कि बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीज बाहर निकलने से बचें और N95 मास्क का इस्तेमाल करें।
| जगह | AQI |
|---|---|
| गाजियाबाद | 377 |
| नोएडा सेक्टर 125 | 356 |
| सिरी फोर्ट | 328 |
| पूसा-2 | 328 |
| नेहरू नगर | 321 |
| वजीरपुर | 308 |
| विवेक विहार | 295 |
| आईटीओ दिल्ली | 275 |
| आरके पुरम | 266 |
| दिलशाद गार्डन | 247 |
स्वास्थ्य पर असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी प्रदूषित हवा में सांस लेना एक दिन में 5–6 सिगरेट पीने के बराबर है। ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और दमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बिना वजह बाहर जाने से परहेज करना चाहिए।

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