डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग महिला से 49 लाख की ठगी, लखनऊ से छह आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लखनऊ से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख रुपये ठगे थे। आरोपियों ने ईडी अधिकारी बनकर महिला को जेल भेजने की धमकी दी और उसके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवाए। पुलिस ने लखनऊ में छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया और मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ईडी अधिकारी बनकर बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख रुपये ठगने वाले गिरोह का भंडाफाेड़ करते हुए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने लखनऊ से छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
इन आरोपितों में लखनऊ के अमीनाबाद निवासी मोहम्मद ओवैस, हसनगंज निवासी विशाल तिवारी, मदेयगंज के शकील अहमद और मोहम्मद अहद, सदर कैंट के मोहम्मद आतिफ और मोहम्मद उज्जैब शामिल हैं। आरोपितों में गिरोह के सक्रिय सदस्यों के साथ वो खाताधारक शामिल हैं, जिनके बैंक खातों में ठगी की राशि ट्रांसफर कराई गई। इनके कुछ साथी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास चल रहा है।
दक्षिण पूर्वी जिले में रहने वालीं 71 वर्षीय बुजुर्ग महिला को ठगों ने गत जून में 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ईडी का अधिकारी बनकर उनको व उनके स्वजन को जेल भेजने का डर दिखाया। जेल जाने से बचाने के नाम पर ठगों ने उनके बैंक खातों से राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर करवाई थी।
यही नहीं फिक्स्ड डिपाजिट (एफडी) को तुड़वाकर उनकी सारी जमा पूंजी ऐंठ ली थी। इस मामल में पीड़िता की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी पर क्राइम ब्रांच के साइबर सेल की टीम ने राशि ट्रांसफर के रिकार्ड, डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर पता लगाया कि ठग लखनऊ से डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि करीब एक सप्ताह टीम लखनऊ के अमीनाबाद, हसनगंज और मदेयगंज में रही। फिर छापेमारी कर छह आरोपितों को गिरफ्तार किया।
वहीं, जांच में पता चला कि यह गिरोह गरीब और बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे। इन्हीं खातों के माध्यम से ठगी की रकम को कई स्तरों पर ट्रांसफर किया जाता था, ताकि लेनदेन का पता लगाना मुश्किल हो जाए। आरोपित स्वयं को पुलिस अधिकारी या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर पीड़ितों पर कानूनी कार्रवाई का दबाव बनाते और उन्हें तुरंत धनराशि ट्रांसफर करने को मजबूर करते थे।
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साइबर सेल के अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराध करने वालों के नेटवर्क पर बड़ी चोट पहुंची है। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इनके कुछ अन्य साधी दबोचे जाएंगे, जोकि फरार चल रहे हैं। यह भी पता किया जा रहा है कि इस गिरोह ने कितने लोगों के साथ ठगी की है।

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