'मेरे बेटे को रूसी सेना ने मजबूर किया...', मां की गुहार पर दिल्ली HC का छात्र को यूक्रेन से लाने का निर्देश
रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के लिए लड़ने के आरोप में यूक्रेनी सेना द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय छात्र साहिल मजोठी को वापस लाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि छात्र को रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया होगा। सरकार को यूक्रेनी सरकार के साथ संपर्क बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है। छात्र की मां ने बेटे की वापसी के लिए याचिका दायर की है।

साहित मजोठी को यूक्रेन की सेना ने रूस की ओर से युद्ध लड़ने पर हिरासत में लिया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के लिए लड़ाई लड़ने के आरोप में यूक्रेनी सेना की ओर से हिरासत में लिए गए 22 वर्षीय भारतीय छात्र साहिल मजोठी को वापस लाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को गंभीर कदम उठाने को कहा है।
हसीनाबेन समसुदीनभाई मजोठी की याचिका पर न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने टिप्पणी की कि मजोठी को रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया होगा और भारत सरकार को उस तक राजनयिक पहुंच सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। उक्त टिप्पणी के साथ अदालत ने मामले की सुनवाई तीन दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार मजोठी का दावा है कि उसे एक झूठे ड्रग मामले में कैद से बचने के लिए रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। मजोठी की मां ने याचिका दायर कर हाई कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि उनके बेटे की भारत वापसी में मदद मिल सके। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया कि यूक्रेन भेजे जाने के बाद मजोठी ने यूक्रेनी सेना के सामने स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर दिया था।
अदालत ने सरकार को इस मामले में यूक्रेनी सरकार के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए एक संपर्क अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। मजोठी की मां हसीनाबेन मजोठी द्वारा अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि उनका बेटा जनवरी 2024 में रूसी साहित्य और संस्कृति का अध्ययन करने के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग गया था।
उनका कहना है कि उसने रूस में कूरियर की नौकरी की और पैसे ऐंठने की एक चाल के तहत उसे एक झूठे ड्रग मामले में फंसाया गया और अप्रैल 2024 में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद से उनका उससे संपर्क टूट गया और उन्हें आशंका है कि उसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में शामिल होने के लिए बहकाया गया था।

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