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    मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स और गृह काउन्सिल भारत के शहरों में स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए तैयारः एमओएचयूए सचिव

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 10:31 PM (IST)

    आज के समय में इनोवेशन अस्तित्व के लिए ज़रूरी है। चुनौतियों का समाधान करने के लिए समुदायों और देश को मिलकर काम करना होगा। हमें लगातार सीखते हुए शहरों क ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। गृह (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हेबिटेट असेसमेन्ट) का प्रबन्धन करने वाली गृह काउन्सिल, जिसे भारत के अपने ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग सिस्टम के रूप में जाना जाता है, ने नई दिल्ली में अपने प्रमुख कार्यक्रम गृहसमिट के 17वें संस्करण का उद्घाटन किया। ‘इनोवेट टू एक्ट फॉर अ क्लाइमेट रेज़िलिएन्ट वर्ल्ड’ विषय पर आधारित इस सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय लीडर्स को एक मंच पर लाकर भारत के पर्यावरण के लिए बड़े पैमाने पर जलवायु अनुकूल समाधानों को बढ़ावा देना है।

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    इस अवसर पर श्री श्रीनिवास कटिकिथाला, माननीय सचिव, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार, ने कहा, ‘‘हम मानव के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव देख रहे हैं- एक बदलाव जो अगले दशक में दिखाई देगा तथा इस बात को नया आयाम देगा कि मानवता कैसे रहती है, कैसे निर्माण करती है और कैसे अपने आप को बनाए रखती है। इस शहरी बदलाव का पैमाना एवं गति वास्तव में अप्रत्याशित है, यह अपने साथ कई विश्वस्तरीय चुनौतियां लेकर आती है। बात चाहे इमारतों की हो, ऊर्जा की या लोगों की, हर अवयव एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है। ऐसे में हमारी प्रतिक्रिया समावेशी होनी चाहिए- जो जलवायु परिवर्तन में लोगों को प्राथमिकता दे। मैं इस साल की थीम के लिए गृहकाउन्सिल एवं टेरी के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखा है। उनका काम हमें याद दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन का लक्ष्य केवल प्रत्यास्थ शहरों का निर्माण करना ही नहीं बल्कि उनमें रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाना भी है।’
    ‘दो दशक पहले, हम हस्तक्षेप एवं रचनात्मकता के बारे में बात करते थे, लेकिन इनोवेशन के बारे में कम ही सुनने को मिलता था। आज इनोवेशन एक विकल्प नहीं रहा, यह अस्तित्व के लिए अनिवार्यता बन चुका है। हमारे सामने मौजूद चुनौती किसी एक सेक्टर, संस्थान या हस्तक्षेप के द्वारा हल नहीं की जा सकती। इसके लिए समुदायों एवं देश में अनुशासन और आपसी सहयोग की आवश्यकता है। हमें निरंतर सीखना होगा, विकसित होना होगा और इनोवेट करना होगा- हमें एक साथ मिलकर ऐसी प्रणाली एवं तकनीकों का विकास करना होगा जो हमारे शहरों को प्रभावी, समावेशी एवं स्थायी बनाएं। तो आइए सुनिश्चित करें कि हमारे सामुहिक प्रयास ऐसे परिणाम उत्पन्न करें जो लोगों एवं समुदायों को सशक्त बनाएं तथा सभी के लिए जलवायु अनुकूल भविष्य का निर्माण करें।’ उन्होंने कहा।
    उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित गणमान्य दिग्गज एवं सेक्टर के लीडर्स भी मौजूद रहे, जिन्हें डॉ विभा धवन, महानिदेशक, टेरी एवं अध्यक्ष, गृह काउन्सिल और श्री संजय सेठ, वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं सीईओ, गृहकाउन्सिल द्वारा सम्मानित किया गया।
    सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री संजय सेठ, वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं सीईओ, गृहकाउन्सिल ने कहा, ‘‘17वां समिट न सिर्फ बातचीत के लिए एक मंच है बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह इनोवेशन एवं आपसी सहयोग के द्वारा क्लाइमेट एक्शन को बढ़ावा दिया जा सकता है। यह सम्मेलन आधुनिक तकनीकों जैसे बिल्डिंग-इंटीग्रेटेड फोटोवोल्टिक्स तथा निर्माण जैसी रचनात्मक पहलों के माध्यम से साझेदारी की उस भावना को दर्शाता है, ग्लोबल नोर्थ एवं साउथ को एक साथ लाती है। जैसे-जैसे हम महत्वाकांक्षा से एक्शन की ओर बढ़ रहे हैं, यह सम्मेलन विचारों को प्रभाव में बदलने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’
    इस अवसर पर महामहिम मिस मे-एलिन स्टेनर, अम्बेसडर, रॉयल नार्वेजियन एम्बेसी ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन हम सभी के लिए एक चुनौती है जो एक साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास करने का आह्वान करती है। नॉर्वे और भारत दोनों इस बात को समझते हैं कि स्थायी एवं कम उत्सर्जन का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने शहरों को किस तरह आयाम देते हैं। हमें गर्व है नॉर्वे इस बदलाव में योगदान दे रहा है, और साथ ही स्मार्ट एवं हरित शहरी विकास के भारत का दृष्टिकोण भी सराहनीय है। हमारी साझेदारी नॉर्वे की हरित तकनीक और भारत के पैमाने एवं महत्वाकांक्षा को एक साथ लेकर आती है- हम एक साथ मिलकर काम करते हुए शहरी विकास के लिए ऐसा ब्लूप्रिन्ट तैयार करना चाहते हैं जो विकास एवं जलवायु प्रत्यास्थता के बीच संतुलन बनाए। हम अपने शहरों को आने वाली पीढ़ियों के स्थायित्व के जीते-जागते उदाहरण के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।’
    जलवायु का जोखिम लगातार बढ़ रहा है और गंभीर होता जा रहा है। ऐसे में हमारी इमारतों एवं बुनियादी सुविधाओं का परफोर्मेन्स ही इस बात को तय करता है कि समाज कैसे प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। यह सम्मेलन ज़िम्मेदारी के साथ प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है, यह दर्शाता है कि किस तरह से आधुनिक सोच, आधुनिक समाधानों एवं स्मार्ट प्रयासों के द्वारा जलवायु की सुरक्षा एवं स्थायी प्रगति को बढ़ावा दिया जा सकता है।
    विशेष सम्बोधन के दौरान श्री आशीष खन्ना, महानिदेशक, इंटरनेशनल सोलर अलायन्स ने कहा, ‘‘आज पुरी दुनिया किफ़ायती एवं भरोसेमंद उर्जा की ओर बढ़ रही है, शहर इस उर्जा रूपान्तरण का केन्द्र बिन्दु हैं- दुनिया भर में बिजली की 70 फीसदी खपत शहरों में ही होती है और ये उत्सर्जन में दो-तिहाई से अधिक योगदान देते हैं। बिल्डिंग इंटीग्रेटेड फोटोवोल्टिक्स- छतों, दीवारों एवं अन्य सतहों को उर्जा उत्पन्न करने वाली सतहों में बदल देता है। इसकी क्षमता को समझते हुए इंटरनेशनल सोलर अलायन्स टेरी और GRIHA के सहयोग से सरकारों, आर्कीटेक्ट्स एवं वित्तीय संस्थानों के साथ काम करते हुए बीआईपीवी को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। ये सामुहिक प्रयास बीआईपीवी को न सिर्फ डिज़ाइन इनोवेशन के रूप में स्थापित करते हैं बल्कि हरित नौकरियों, स्थानीय निर्माण एवंज लवायु अनुकूल विकास के द्वारा समावेशी समृद्धि की नींव भी तैयार करते हैं।’
    उद्घाटन सत्र के दौरान गृह काउन्सिल ने गृह इन्फ्रास्ट्रक्चर रेटिंग फॉर मेट्रो स्टेशन्स का लॉन्च किया, यह एक विशेष फ्रेमवर्क है जिसे बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सहयोग से डिज़ाइन किया गया है। यह पहल भारत के विस्तृत होते मेट्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर में स्थायित्व को बढ़ावा देगी। साथ ही गृह की सालाना मैगज़ीन ‘शाश्वतः लैट नेचर बी’ का अनावरण भी हुआ, जिसमें सम्मेलन की थीम से जुड़े लेख, ओपिनियन पीस तथा उद्योग जगत के साझेदारों एवं हितधारकों के इंटरव्यू दिए गए हैं।
    गृह रेटिंग अवॉर्ड्स एवं सम्मान समारोह इस दिन का एक और आकर्षण केन्द्र रहा, जहां देश भर में उर्जा दक्षता एवं स्थायित्व में उच्च परफोर्मेन्स देने वाली हरित इमारतों को सम्मानित किया गया।
    सम्मेलन के दौरान एक प्रदर्शनी ‘निर्माण’ का भी उद्घाटन हुआ, जिसके विभिन्न ज़ोन्स में आधुनिक स्थायी सामग्री, तकनीकों एवं इनोवेशन्स को प्रस्तुत किया गया।