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    दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी का भंडाफोड़, चीन-तुर्किये में बने पिस्टल पाकिस्तान से भेजे जा रहे थे भारत

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 07:12 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह चीन और तुर्किये में बने हथियारों को पाकिस्तान के रास्ते भारत में भेज रहा था। जांच में पता चला है कि यह सिंडिकेट लंबे समय से सक्रिय था और हथियारों की तस्करी में शामिल था। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

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    पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये भारत में पहुंचाए जाते थे चीन और तुर्किये में बने हथियार।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के कई खतरनाक गैंग को अवैध हथियारों की खेप पहुंचाई जा रही थी। दिल्ली पुलिस ने चार शातिरों को शनिवार को धर दबोचा। इनके पास से बरामद किए गए आधुनिक हथियार चीन और तुर्किये में बनाए गए थे। बड़ी बात यह है कि यह अवैध कारोबार पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा था। यानी देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने में एक बार फिर उन्हीं देशों का नाम उजागर हो रहा है, जिनपर आए दिन कोई न कोई भारत विरोधी षड्यंत्र रचने का आरोप लगता रहा है।

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    जांच एजेंसियां हुईं सतर्क

    साथ ही, इस ऑपरेशन से अवैध हथियारों के इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट का खुलासा होने के बाद जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।

    इस पूरे मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि यह सिंडिकेट पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से जुड़ा हुआ था और पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत में हाई-एंड पिस्टल तस्करी कर रहा था।

    चारों अपराधियों की खंगाली जा रही कुंडली

    पुलिस ने गिरोह के चार प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पंजाब का वांछित अपराधी मनदीप और उसके दो करीबी साथी रोहन व मोनू शामिल हैं। मोनू और सोनू उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पुलिस ने इनसे 10 महंगी विदेशी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। मनदीप का संबंध सोनू खत्री गैंग से है और उसके खिलाफ हत्या सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

    ऐसे भारत की सीमा में पहुंचाते थे हथियार

    शुरुआती जांच में यह पता चला है कि ड्रोन हथियारों की खेप को पहले से निर्धारित स्थानों पर गिराते थे। इन खेपों को कार्बन पेपर में लपेटा जाता था ताकि स्कैनर से वे पकड़ में न आ सकें। इसके बाद गिरोह के सदस्यों को निर्देश दिया जाता था कि वे इन ड्रॉप लोकेशन से हथियार इकट्ठा करके दिल्ली पहुंचाएं।

    अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया है कि इन हथियारों को फिर दिल्ली और आसपास के राज्यों में अपराधियों को सप्लाई किया जाता था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि भारत में उन्होंने कितने हथियार बेचे और इस अवैध रैकेट में कौन-कौन से गिरोह या व्यक्ति शामिल थे। 

    इन गैंग को होती थी सप्लाई

    पुलिस ने यह भी बताया है कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी एक ऐसे मॉड्यूल का हिस्सा थे, जो ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से मॉडर्न हथियार मंगवाता था और इन्हें लॉरेंस बिश्नोई, गोगी, बंबिहा तथा हिमांशु भाऊ जैसे बड़े गिरोहों को सप्लाई करता था।

    बैंक खाते से सोशल मीडिया तक करेंगे पड़ताल 

    जांच अधिकारियों के अनुसार, अब जांच एजेंसियां तस्करी के इस कारोबार की हर कड़ी को खंगालने का प्रयास कर रही है। वे पकड़े गए अपराधियों के मोबाइल डेटा खंगालने के साथ ही उनके बैंक ट्रांजेक्शंस और सोशल मीडिया की भी पड़ताल कर रही है।

    तुर्किये, चीन और पाकिस्तान कनेक्शन

    बता दें कि हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को किए गए आतंकी विस्फोट में भी तुर्किये का कनेक्शन मिला है, जिसकी व्यापक जांच की जा रही है। हालांकि, तुर्किये ने इन आरोपों को नकारा है। मगर इस बात को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता कि ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्किये ने भारत का साथ देने के बजाय पाकिस्तान का समर्थन किया था। वहीं, पाकिस्तान और चीन पर भी आए दिन भारत विरोधी षड्यंत्र रचने के आरोप लगते रहते हैं। 

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