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    लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर IRCTC घोटाले का फैसला आज, कोर्ट तय करेगी मुकदमा चलेगा या नहीं

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 04:53 PM (IST)

    आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित आरोपियों को पेश होने का निर्देश दिया गया है। अदालत यह तय करेगी कि लालू परिवार पर मुकदमा चलेगा या नहीं। मामला लालू के रेल मंत्री कार्यकाल में आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव ठेकों में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ठेके जमीन के बदले दिए गए थे।

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    आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय करने के संबंध में राउज एवेन्यू विशेष अदालत सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 24 सितंबर को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को उक्त तिथि पर अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।

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    मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला 29 मई तक सुरक्षित रख लिया था। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इस फैसले का चुनावों पर बड़ा असर पड़ सकता है। अदालत का आदेश यह तय करेगा कि इस मामले में लालू परिवार के सदस्यों पर मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं।

    इस मामले में कुल 14 आरोपी हैं। 13 अक्टूबर को अदालत तय करेगी कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या उन्हें बरी किया जाए। यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान IRCTC होटलों के रखरखाव के ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है।

    आरोप है कि दो होटलों के रखरखाव के ठेके विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली निजी फर्म सुजाता होटल्स को दिए गए थे। आरोप है कि ये ठेके लालू से जुड़ी एक बेनामी कंपनी के जरिए हासिल की गई तीन एकड़ कीमती जमीन के बदले में दिए गए थे। 7 जुलाई, 2017 को सीबीआई ने मामले में एक एफआईआर दर्ज की और लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़े पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम स्थित 12 ठिकानों पर छापेमारी की।

    एजेंसी ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सीबीआई ने दावा किया है कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। 1 मार्च को सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और अन्य के खिलाफ आरोपों पर अपनी बहस पूरी कर ली अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दैनिक दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने अपना फैसला 29 मई तक सुरक्षित रख लिया।

    लालू प्रसाद यादव ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कोई सबूत नहीं है और उन्हें बरी किया जाना चाहिए।