दिल्ली में 'लिफाफा गैंग' एक्टिव, बुजुर्गों को बना रहा निशाना; लूट के आरोप में 3 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने 'लिफाफा गैंग' के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये बुजुर्गों को लिफ्ट देकर, उन्हें सम्मोहित करके उनके गहने और नकदी लूट लेते थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीक की मदद से आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और बताया कि वे लालच में आकर ऐसा करते थे। पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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दिल्ली पुलिस ने 'लिफाफा गैंग' के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली में बुजुर्गों को लिफ्ट देकर, उन्हें सम्मोहित करके और उनके गहने व नकदी लूटकर उनकी जगह नकली गहने रखकर फरार होने के आरोप में 'लिफाफा गैंग' के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आरोपियों की पहचान रोशन (52), सागर (35) और दीपक (43) के रूप में हुई है, जो सभी दिल्ली निवासी हैं। पुलिस के अनुसार, तीनों नकली नंबर प्लेट लगी कार में सफर करते थे और अकेले यात्रा कर रहे बुजुर्गों को निशाना बनाते थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "18 जुलाई को हरि नगर पुलिस स्टेशन में एक महिला द्वारा यह आरोप लगाने के बाद मामला दर्ज किया गया था कि तीन लोगों ने उसे अपनी कार में लिफ्ट दी, उसे सम्मोहित किया और उसके सोने के झुमके और 4,000 रुपये नकद छीन लिए।" बाद में, उसे पता चला कि उसे दिए गए लिफाफे में उसके कीमती सामान की बजाय नकली गहने थे।
शिकायत के बाद, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और संदिग्धों का पता लगाने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) तकनीक का इस्तेमाल किया। अपराध में इस्तेमाल की गई कार पर फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर लगा हुआ पाया गया। 11 अक्टूबर को पुलिस को स्वर्ग आश्रम रोड के पास गिरोह की गतिविधियों के बारे में सूचना मिली। जाल बिछाया गया और रात करीब 8.15 बजे, थोड़ी देर पीछा करने के बाद उनकी कार को रोक लिया गया।
उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कार की असली नंबर प्लेट, 22 कागज़ के लिफाफे, कृत्रिम आभूषण और अपराध में इस्तेमाल की गई कार बरामद की। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने 24 मई को हरि नगर थाने में दर्ज एक अन्य मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।
पुलिस के अनुसार, कार का मालिक रोशन पहले भी हत्या समेत 12 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है और पार्ट-टाइम ड्राइवर के तौर पर काम करता है। सागर के खिलाफ 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि दीपक पर एक पूर्व मामला दर्ज है और वह ठेकेदारी पर हाउसकीपर का काम करता है।
अधिकारी ने कहा, "उन्होंने कबूल किया कि वे आसानी से पैसे कमाने के लालच में आ गए और इसी तरीके से बुजुर्गों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।" उन्होंने आगे बताया कि आगे की जांच जारी है।
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