बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले लिफाफा गिरोह के तीन बदमाश पुलिस की गिरफ्त में
पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले लिफाफा गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश लिफ्ट देने के बहाने बुजुर्गों को झांसे में लेते और उनके गहने व नकदी को नकली गहनों से बदल देते थे। पुलिस ने उनके कब्जे से फर्जी नंबर प्लेट वाली कार और नकली गहने बरामद किए हैं। आरोपियों ने आसान पैसे के लालच में अपराध स्वीकार किया है।

बुजुर्गों को ठगी का शिकार बनाने वाले लिफाफा गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
जागरण संवाददता, पश्चिमी दिल्ली। बुजुर्गों को निशाने पर लेकर उन्हें ठगी का शिकार बनाने वाले लिफाफा गिरोह के तीन सदस्यों को पश्चिमी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के बदमाश बुजुर्ग नागरिकों को निशाना बनाकर उन्हें अपनी कार में लिफ्ट देने के बहाने झांसे में लेते थे और जो उनके झांसे में आ जाता था, उनके सोने के आभूषणों व नकदी को नकली गहनों से भरे लिफाफों के साथ बदल देते थे।
आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने गिरोह द्वारा की इस्तेमाल की गई फर्जी नंबर प्लेट वाली आइ10 कार, 22 कागज के लिफाफे, नकली गहने और असली नंबर प्लेट बरामद की है।
18 जुलाई को एक बुजुर्ग को बनाया था निशाना
हरिनगर थाना क्षेत्र में 18 जुलाई को दर्ज एक ई-एफआईआर में शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि तीन अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें अपनी कार में लिफ्ट देने का आफर दिया। इसके बाद उन्हें झांसे में लेकर उनके सोने के झुमके और 4,000 रुपये नकद छीन लिए गए। बदले में उन्हें एक लिफाफा थमा दिया गया, जिसमें बाद में नकली गहने पाए गए। इस तरह के अपराधों में वृद्धि को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ऐसे मामलों की रोकथाम और अपराधियों की धरपकड़ के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हरिनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आशु गिरोत्रा के नेतृत्व और राजौरी गार्डन की एसीपी नीरज टोकस की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने कई सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया और आटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया गया। जांच में पता चला कि अपराध में इस्तेमाल की गई कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाया गया था।
11 अक्टूबर 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि लिफाफा गिरोह एक आइ10 कार में स्वर्ग आश्रम रोड के आसपास सक्रिय है। तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घेराबंदी कर जब संदिग्ध कार को रोकने का इशारा किया गया, तो चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के आगे वह नाकाम रहा। कार को रोककर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया।
तीन आरोपिताें में दो चालक
पुलिस ने जिन तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है उनमें दीपक, सागर व रोशन शामिल है। दीपक पर एक आपराधिक मामले में पहले से शामिल होने का आरोप है। यह अनुबंध पर हाउसकीपर के रूप में काम करता था। सागर पर आपराधिक मामलों में संलिप्त रहने का आरोप है। यह चालक है। वहीं रोशन आइ10 कार का मालिक है। इस पर 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह भी चालक है। सभी आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे आसान और जल्दी पैसा कमाने के लालच में इस तरह के अपराधों में लिप्त हुए।
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