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    दिल्ली में आवारा कुत्तों को शेल्टर में रखने की गणित में उलझी एमसीडी, करोड़ों का खर्च देख छूट रहा पसीना

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 09:30 PM (IST)

    दिल्ली नगर निगम को 25 हजार आवारा कुत्तों को शहर से हटाने का आदेश मिला है। इन कुत्तों के लिए आश्रय बनाने और उनके रखरखाव का खर्च उठाने की जिम्मेदारी भी एमसीडी पर है। इतने सारे कुत्तों के लिए आश्रय बनाना और खर्च उठाना एमसीडी के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर आवारा कुत्तों को लेकर सख्त आदेश दिया है। सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाना होगा लेकिन एमसीडी के यह बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है। बस अड्डे, सरकारी अस्पताल और स्कूल और अन्य सरकारी इमारतों के आसपास हजारों की संख्या में कुत्ते रहते हैं। दिल्ली में पांच हजार से अधिक सरकारी इमारतें हैं।

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    एक कुत्ते का एक दिन का खर्च 110 रुपए

    इनके आस-पास औसतन पांच कुत्ते भी माने जाएं तो इनकी संख्या 25 हजार पहुंच जाएगी। अगर, शेल्टर होम बन भी जाए तो आवारा कुत्तों को रखने के लिए सालाना एक हजार करोड़ रुपये एमसीडी को चाहिए होंगे क्योंकि पूर्व में एमसीडी के एक अनुमान के मुताबिक एक आवारा कुत्ते को शेल्टर होम में एक दिन रखने पर 110 रुपये का खर्चा आएगा।

    ऐसे में 25,000 कुत्तों को शेल्टर होम में रखें तो यह खर्चा 8.2 करोड़ रुपये मासिक और सालाना यह खर्चा 100 करोड़ से अधिक का हो जाएगा। ऐसे में 16 हजार करोड़ के कर्जे में डूबी निगम के पास इस खर्चे को वहन करना बहुत मुश्किल है।

    गणना 2016 के बाद नहीं की गई

    इसके साथ निगम को शेल्टर होम भी बनाने होंगे। इस पर काफी खर्च आएगा। वैसे एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में आठ लाख आवारा कुत्ते हैं। हालांकि इनकी गणना 2016 के बाद नहीं की गई है।

    केवल खूंखार कुत्तों को हटाने का आदेश

    इससे पहले 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने का निर्देश दिया था लेकिन 22 अगस्त को संशोधित आदेश में खूंखार कुत्तों को ही हटाने की बात कही गई थी। इसके बाद से ही शेल्टर होम बनाने का प्रयास शुरू किया गया था लेकिन तीन महीने के बाद भी नगर निगम एक भी शेल्टर होम नहीं बना पाया। अब तक निगम ने द्वारका में एक जगह देखी है जहां शेल्टर होम बनाया जा सकता है।

    जल्द ही निकाला जाएगा टेंडर

    नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल दिल्ली में 20 बंध्याकरण केंद्र हैं। इनमें छह हजार कुत्ते रखने की व्यवस्था है। इनका उपयोग आवारा कुत्तों को रखने के लिए किया जा सकता है। एमसीडी के पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के अनुरोध पर इंजीनियरिंग विभाग शेल्टर बनाने के लिए डिजाइन बना रहा है और जल्द ही इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा लेकिन अभी भी उसमें एक साल का समय कम से कम लग सकता है। ऐसे में आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों को हटाने के आदेश का फिलहाल पालन होना मुश्किल लग रहा है।

    आवारा कुत्तों को खाना खिलाना होगा प्रतिबंधित

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एमसीडी आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाने के लिए अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है। एमसीडी के अधिकारी ने बताया कि हम अपने-अपने अधीन आने वाले सरकारी कार्यालयों को फिलहाल आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों पर फीडिंग कराने पर प्रतिबंधित करने का आदेश जारी करेंगे। इसके साथ ही अपनी-अपनी इमारतों में फेंसिंग भी कराएंगे।

    करेंगे पूरा सहयोग

    "सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्यक्त चिंता और कुत्तों को निर्धारित शेल्टरों में स्थानांतरित करने के निर्देशों का स्वागत योग्य है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर की गई टिप्पणियां समयोचित हैं और जनसुरक्षा के हित में हैं। दिल्ली नगर निगम न्यायालय के इन निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।"

    -राजा इकबाल सिंह, महापौर, दिल्ली

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