Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'ब्लैक मनी को व्हॉइट करने की कोशिश की...', मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ब्यूटी इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क को नोटिस

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 04:52 PM (IST)

    तीस हजारी कोर्ट ने ब्यूटी इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क और अमित गुप्ता को ईडी द्वारा मनी लाॅन्ड्रिंग मामले में नोटिस भेजा है। न्यायाधीश विजय शंकर ने दोनों को प्री-समनिंग साक्ष्य पेश करने को कहा है, अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संदीपा ने फर्जी वेबसाइट से धन वसूला। ईडी के अनुसार, संदीपा ने अवैध धन से संपत्ति खरीदी और फर्जी एफडीए सर्टिफिकेट दिखाए।

    Hero Image

    12 अगस्त को ईडी ने संदीपा विर्क को गिरफ्तार कर लिया था।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तीस हजारी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने ब्यूटी इंफ्लुएंसर संदीपा विर्क और आरोपी अमित गुप्ता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल मनी लाॅन्ड्रिंग चार्जशीट पर नोटिस जारी किया है।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विजय शंकर ने दोनों आरोपियों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 223 के तहत प्री-समनिंग साक्ष्य पेश करने के लिए नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को तय की गई है।

    वहीं, कोर्ट ने संदीपा विर्क की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है। मामले में संदीपा विर्क को 12 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं और जांच से स्पष्ट हुआ है कि संदीपा विर्क ने झूठे वादों और फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों से धन वसूला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ईडी ने बताया कि यह मामला मूलरूप से फेज-8, मोहाली पुलिस थाने में वर्ष 2016 में आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज हुआ था। जांच पूरी होने के बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया और ईडी ने इस पर मनी लाॅन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।

    ईडी की जांच में सामने आया कि संदीपा विर्क ने अपने नाम पर अचल संपत्तियां (प्रॉपर्टी) खरीदकर काले धन को सफेद करने की कोशिश की। वह खुद को हायबूकेयर.काॅम वेबसाइट की मालिक बताती हैं, जो दावा करती है कि वह एफडीए अप्रूव्ड ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचती है। हालांकि, ईडी के अनुसार वेबसाइट पर दिखाए गए उत्पाद वास्तव में मौजूद नहीं हैं।

    ईडी ने 12 और 13 अगस्त 2025 को दिल्ली और मुंबई में तलाशी अभियान चलाए थे। जांच एजेंसी का कहना है कि वेबसाइट में यूजर रजिस्ट्रेशन विकल्प नहीं है, पेमेंट गेटवे में बार-बार दिक्कत आती है, इंटरनेट मीडिया पर कोई गतिविधि नहीं है और फर्जी एफडीए सर्टिफिकेट दिखाए गए हैं।

    ईडी का दावा है कि इन सभी तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि वेबसाइट एक फर्जी प्लेटफार्म के रूप में बनाई गई थी ताकि धन शोधन (मनी लाॅन्ड्रिंग) के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।

    यह भी पढ़ें- मूलभूत सुविधाओं से वंचित है दिल्ली का ये इलाका, पार्क में सैर पर जाना है तो नापनी होगी 2.5 KM की दूरी