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    दिल्ली में महिला सुरक्षा खतरे में, बंद पड़े हैं 9,767 सीसीटीवी कैमरे; कई जगह बने हैं डार्क स्पॉट

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 09:50 PM (IST)

    दिल्ली में महिला सुरक्षा के लिए लगाए गए 9767 सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सर्वे में यह खुलासा हुआ है। इनमें से कुछ कैमरे क्षतिग्रस्त हैं तो कुछ का सामान चोरी हो गया है। विभाग ने तकनीकी ऑडिट शुरू कर दिया है और क्षतिग्रस्त कैमरों को बदलने और नए कैमरे लगाने की योजना है।

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    दिल्ली में बंद हैं 9,767 सीसीटीवी कैमरे।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। महिला सुरक्षा को भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिस तरीके से गंभीर मुद्दा मानकर इसके लिए प्रचार कर रही है, उस लिहाज से सरकारी विभागों में काम देखने को नहीं मिल रहा है। कई जगह डार्क स्पॉट आज भी बने हुए हैं, स्टील लाइट बंद रहती हैं। मगर इस सब के बीच एक नया मामला भी सामने आया है कि दिल्ली में 9,767 सीसीटीवी कैमरे बंद हैं।

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    ये वे कैमरे हैं जिन्हें महिला सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर लगाया गया था। बताया जा रहा है कि इनमें कहीं पर खराबी आ गई तो कहीं पर उनका सामान चोरी हो चुका है। यानी जो कैमरे चोरों पर नजर रखने के लिए लगाए गए थे उनका सामान ही चोर चुरा ले गए हैं।

    स्थिति का आंकलन करें तो लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने एक आंतरिक सर्वेक्षण में पाया है कि राजधानी में लगे लगभग 2.8 लाख सीसीटीवी कैमरों में से 9,767 या तो काम नहीं कर रहे हैं, क्षतिग्रस्त हैं या चोरी हो गए हैं। विभाग को अब समयबद्ध तरीके से इस समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया गया है। यह सर्वे हाल ही में आंतरिक सर्वेक्षण किया गया था।

    जानकारों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी द्वारा इस बारे में लगाए गए सभी कैमरों का तकनीकी आडिट शुरू कर दिया है। निष्कर्षों के आधार पर विभाग क्षतिग्रस्त कैमरों को बदलेगा और जहां कैमरे नहीं हैं, वहाँ नए कैमरे लगाएगा।

    बता दें कि 2018 में जब आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता में थी, तब दो चरणों में शहर भर में लगभग 2.8 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इस फरवरी में सत्ता में आने के बाद, भाजपा सरकार ने राजधानी भर में 50,000 और सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव रखा था। वर्तमान में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 4,000 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

    अगले चरण में पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की फुटेज प्राप्त करने में बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने की योजना है। एक व्यापक निगरानी प्रणाली पर काम चल रहा है। दिल्ली लोक निर्माण विभाग और गृह विभाग इस पर विस्तृत जानकारी देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। वर्तमान में लगाए गए कैमरों का रखरखाव भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है।

    अधिकारियों ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने एक कमांड सेंटर स्थापित किया है जो सभी स्थापित कैमरों से फुटेज प्राप्त करता है, फीड संग्रहीत करता है और उसकी निगरानी करता है। इन कैमरों से प्राप्त वीडियो फुटेज 30 दिनों तक संग्रहीत की जाती है, और सिस्टम में 5-7 दिनों का रिजर्व डेटा बैकअप भी होता है।

    अधिकारियों ने बताया कि फुटेज और फीड को लोक निर्माण विभाग, पुलिस, ज़िला मजिस्ट्रेट और अदालतें देख सकती हैं। मार्च में, लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी कहा था कि उन आठ विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी की जांच की जाएगी जहां 2020 में आप के सत्ता में आने पर भाजपा विधायकों ने चुनाव जीता था।

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