ई-रिक्शे से सड़क दुर्घटना के बाद महिला ने खोयी आंखों की रोशनी, कोर्ट ने सरकार से कहा इनके परमिट हो अनिवार्य
अदालत ने शाहबाद डेरी इलाके में ई-रिक्शा के कारण हुए हादसे में आंखों की रोशनी खोने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई के क्रम में कई सुझाव दिए। अदालत ने सुनवाई करते हुए पाया कि दिल्ली में ई-रिक्शा संचालन में किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रोहिणी के एमएससीटी कोर्ट की जज एकता गाबा मान ने राजधानी में चल रहे ई रिक्शा के लिए रोड परमिट की अनिवार्यता पर जोर दिया है। अदालत ने ई-रिक्शा के परिचालन को लेकर केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय, गृह मंत्रलय और दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग को अलग-अलग कदम उठाने को कहा है।
ई-रिक्शे से हुए हादसे में आंखों की रोशनी खाने वाली महिला की याचिका पर दिया सुझाव
अदालत ने शाहबाद डेरी इलाके में ई-रिक्शा के कारण हुए हादसे में आंखों की रोशनी खोने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई के क्रम में कई सुझाव दिए। अदालत ने सुनवाई करते हुए पाया कि दिल्ली में ई-रिक्शा संचालन में किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है। इस मामले में जांच अधिकारी ने भी अदालत को बताया कि अधिकतर ई-रिक्शा बगैर स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस पर चल रहे हैं।
2018 से रिक्शा चलाने के लिए परमिट को समाप्त किया गया
सुनवाई के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2018 से रिक्शा चलाने के लिए परमिट को समाप्त कर दिया गया था। अदालत ने दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग से कहा कि ई रिक्शा की खरीद पर तब तक सब्सिडी न दी जाए जब तक चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस न हो। अदालत ने ऐसे वाहनों की गति को नियंत्रण करने के लिए अलग से लेन बनाने का भी सुझाव दिया।
इस कारण रहता है हादसे का डर
बता देंं कि दिल्ली की अधिकतर सड़कों पर ई-रिक्शा अतिक्रमण करते दिख जाते हैं। सड़कों पर झुंड बना कर चलते हैं और सवारी उठाने के नाम पर एक ही जगह जमघट लगा कर रास्ता जाम कर देते हैं। यह भी बता दें कि मेट्रो स्टेशन और रेड लाइट के पास यह नजारा आम होता है। कुछ जगहों पर यह भी देखने में आता है कि काफी कम उम्र के लड़के इस ई-रिक्शा को चलाते नजर आ जाते हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
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