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    फिर बदली दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के ट्रायल की तारीख, अब अक्टूबर तक होने की उम्मीद

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 10:41 PM (IST)

    दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा का ट्रायल अब 15 अक्टूबर तक होने की संभावना है। दिल्ली सरकार मानसून की वापसी के बाद मौसम विभाग से सलाह लेगी। पर्यावरण विभाग वायुमंडलीय स्थितियों पर नजर रख रहा है और डीजीसीए से अनुमति लेने की प्रक्रिया में है। मंत्री सिरसा ने बताया कि मानसून के बाद बेहतर परिणाम मिलेंगे। यह परियोजना मौसम विभाग की निगरानी में होगी।

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    फिर बदली दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के ट्रायल की तारीख।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से जंग में दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के ट्रायल की तारीख एक बार फिर बदल गई है। अब दिल्ली सरकार 15 अक्टूबर तक कृत्रिम वर्षा का ट्रायल करने की तैयारी कर रही है। मानसून वापसी के बाद इस बाबत मौसम विभाग को पत्र भी लिखेगी।

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    दिल्ली सरकार का पर्यावरण विभाग सक्रिय रूप से वायुमंडलीय स्थितियों की निगरानी कर रहा है। साथ ही मौसम विभाग से मानसून की स्थिति और वापसी की तारीख के बारे में भी अद्यतन जानकारी मांगी है, ताकि वह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से क्लाउड-सीडिंग कार्यों के लिए नई समय-सीमा के लिए आवेदन कर सके।

    पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम वर्षा का ट्रायल मानसून के बाद होगा।

    उन्होंने कहा कि मौसम विभाग से कुछ स्पष्टता मिलने के बाद, वे इन कार्यों को सुरक्षित रूप से करने के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए डीजीसीए को फिर से पत्र लिखेंगे।

    अंतिम समयसीमा वायुमंडलीय आंकड़ों के रुझानों और बादलों की स्थिति के वैज्ञानिक आकलन के आधार पर तय किए जाने की संभावना है। कृत्रिम वर्षा की पहल कड़ी निगरानी में की जाएगी और मौसम विभाग की विस्तृत रिपोर्ट इस प्रक्रिया का मार्गदर्शन करेगी।

    जुलाई में एक प्रेस वार्ता में, सिरसा ने घोषणा की थी कि मानसून के आगमन के कारण ट्रायल की तिथि स्थगित कर दी गई है। तब ट्रायल 30 अगस्त से 10 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया था। इससे भी पहले चार से 11 जुलाई के बीच होना था।

    यह कार्य आईआईटी-कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के विशेषज्ञों के साथ समन्वय में, सेसना 206-एच विमान (वीटी-आइआइटी) का उपयोग करके किया जाएगा।

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