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    अरविंद केजरीवाल की जमानत पर ED का विरोध, ट्रायल कोर्ट की टिप्पणियां हटाने की मांग की

    Updated: Mon, 05 May 2025 08:58 PM (IST)

    Enforcement Directorate (ED) ने आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लाॅन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की है। ईडी ने जमानत रद्द करने की मांग नहीं की पर कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश गलत था। अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।

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    अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को ईडी ने गलत ठहराया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लाॅन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के विरुद्ध दायर अपील याचिका पर Enforcement Directorate (ED) ने हाई कोर्ट में कहा कि नियमित जमानत देने वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश गलत, विकृत, कानून की दृष्टि से गलत है और इसे रद किया जाना चाहिए। साथ ही ED ने स्पष्ट कि वह जमानत याचिका रद करने की मांग नहीं कर रही है।

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    ED की तरफ से पेश हुए एडिशनल साॅलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ के समक्ष कहा कि भले ही अरविंद केजरीवाल आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अंतरिम जमानत पर हैं, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उन्हें गलत आधार पर जमानत दी थी।

    केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट के अवकाश न्यायाधीश न्याय बिंदु ने 20 जून 2024 को जमानत दी थी। ED ने उस आदेश को चुनौती दी है। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी, जबकि ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को बड़ी पीठ को भेज दिया था।

    वहीं, केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि एक बार जब ED ने यह रुख अपना लिया है कि वह जमानत रद करने के लिए दबाव नहीं बना रहा है, तो न्यायिक समय बर्बाद करने का कोई सवाल ही नहीं है।

    उन्होंने राजू के इस अनुरोध का भी कड़ा विरोध किया कि मामले को कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दिया जाए, ताकि सर्वोच्च न्यायालय में आगे की कार्यवाही का इंतजार किया जा सके। राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अंतरिम जमानत को बड़ी बेंच द्वारा बढ़ाया या वापस लिया जा सकता है।

    उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच का अभी गठन नहीं हुआ है और संभावना है कि वह केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत को रद कर दे और ऐसे में जमानत रद करने की ईडी की याचिका को लंबित रखा जाए।

    इसके जवाब में विक्रम चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद मामले में कुछ नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश तर्कसंगत है और केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश नियमित जमानत के समान ही अच्छा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई  की तारीख दी है।

    आरोपपत्र के विरुद्ध केजरीवाल-सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई टली

    आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लाॅन्ड्रिंग मामले में ED के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर हाई कोर्ट 12 अगस्त को सुनवाई करेगा। ईडी ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल व सिसोदिया की याचिकाएं निरर्थक हैं, क्योंकि एजेंसी को अपेक्षित मंजूरी मिल गई है। गृह मंत्रालय ने जनवरी-2025 में मामले में केजरीवाल और अन्य आरोपितों पर मुकदमा चलाने के लिए ED को मंजूरी दी थी।

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