केजरीवाल चाहते थे पूर्व सीएम मायावती वाला बंगला, बन गए थरूर के पड़ोसी
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार ने लोधी एस्टेट इलाके में टाइप-7 बंगला नंबर 95 आवंटित किया है। वे अब कांग्रेस नेता शशि थरूर के पड़ोसी होंगे। पहले वे मायावती के बंगले में रहना चाहते थे जो उन्हें नहीं मिल पाया। केजरीवाल ने सरकारी आवास के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके बाद उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बंगले में रहना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें यह नहीं मिला, तो वे कांग्रेस नेता शशि थरूर के पड़ोसी बन गए हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें लोधी एस्टेट इलाके में टाइप-7 बंगला नंबर 95 आवंटित किया है। कांग्रेस नेता थरूर बंगला नंबर 97 के मालिक हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा और राजद सांसद मीसा भारती भी इसी इलाके में रहती हैं।
गौरतलब है कि केजरीवाल ने सरकारी आवास के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया था कि 10 दिनों के भीतर आवास आवंटित कर दिया जाएगा। आप ने शुरुआत में 35, लोधी एस्टेट स्थित बंगले का अनुरोध किया था, जो पहले बसपा नेता मायावती का आवास था। जुलाई में यह केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को दे दिया गया था।
गौरतलब है कि केजरीवाल अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान लगभग 10 साल तक सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले में रहे थे, जो नवीनीकरण कार्यों में अनियमितताओं के कारण विवादों में रहा था। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, केजरीवाल 17 सितंबर, 2024 को पंजाब से आप के राज्यसभा सदस्य अशोक मित्तल के 5-फ़िरोज़शाह रोड स्थित आवास में चले गए और वर्तमान में वहीं रह रहे हैं।
आप नेताओं का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार और बढ़ती संगठनात्मक बैठकों को देखते हुए, उन्होंने स्थायी आवास का अनुरोध किया था। गौरतलब है कि बंगले 94 और 96 सैन्य अधिकारियों को आवंटित हैं। आस-पास के अन्य बंगलों में राजद सांसद मीसा भारती का बंगला संख्या 82 और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का बंगला संख्या 81 शामिल है।
केजरीवाल को आवंटित बंगला लगभग 5,000 वर्ग फुट में फैला है। इसमें चार शयनकक्ष, एक बड़ा लॉन, तीन नौकरों के लिए क्वार्टर, एक गैरेज और एक कार्यालय कक्ष शामिल हैं। यह उसी श्रेणी का है जिसमें वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और सांसद रहते हैं।
यह आवंटन दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका के बाद किया गया था, जिसमें केजरीवाल ने एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के अध्यक्ष के रूप में सरकारी आवास की मांग की थी। केंद्र सरकार ने सोमवार को इसकी मंजूरी दे दी।
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