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    दिल्ली में आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा को मिलेगा बढ़ावा, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम होगा शुरू

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:54 PM (IST)

    दिल्ली सरकार आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने करोल बाग स्थित तिब्बिया कॉलेज में डेंटल केयर यूनिट का उद्घाटन किया। उन्होंने आयुष चिकित्सा के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की। दिल्ली को इन चिकित्सा पद्धतियों में आदर्श बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है।

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    दिल्ली सरकार आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद और यूनानी पद्धति के अस्पतालों का सर्वांगीण विकास भी दिल्ली सरकार की प्राथमिकता है। तीनों ही पद्धतियों की अपनी अलग पहचान और प्रभाव है। जो भी जिस भी पद्धति से इलाज कराना चाहे, उसे पूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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    आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में भी दिल्ली को आदर्श बनाया जाएगा। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने बुधवार को करोल बाग स्थित आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज एवं अस्पताल में डेंटल केयर यूनिट के उद्घाटन के अवसर पर कहीं।

    उन्होंने कहा कि डेंटल केयर यूनिट की मांग लंबे समय से हो रही थी। अब सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज की टीम तिब्बिया कॉलेज में आकर ओपीडी सेवाएं देगी। मरीजों की संख्या बढ़ने पर ओपीडी के दिन भी बढ़ाए जाएंगे।

    उन्होंने कहा कि हम आयुष का उतना प्रचार-प्रसार और विकास नहीं कर पा रहे हैं, जितनी देश को जरूरत है। उन्होंने आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में राजधानी दिल्ली को पूरे देश के लिए आदर्श बनाने की भी बात कही।

    इससे पहले, उन्होंने अस्पताल परिसर में 'दिल्ली को कूड़े से आज़ादी' स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया। साथ ही, अस्पताल के सफाई प्रहरियों को सम्मानित किया गया। यूनानी चिकित्सक एवं स्वतंत्रता सेनानी मसीह-उल-मुल्क हकीम अजमल खां की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही हर्बल गार्डन में निर्मित नक्षत्र वाटिका और नवग्रह वाटिका का भी उद्घाटन किया।

    'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत सहजन का पौधा लगाया गया। अस्पताल के वार्डों का निरीक्षण करते हुए मरीजों से फीडबैक भी लिया गया। इस अवसर पर आयुष विभाग की निदेशक डॉ. योगिता मुंजाल, तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मोहम्मद जुबैर, सहायक निदेशक यूनानी डॉ. शगुफ्ता नसरीन, आयुर्वेद की शैक्षणिक प्रमुख डॉ. सुजाता राजन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल चड्ढा आदि उपस्थित थे।

    एनएएम के तहत 56 करोड़ रुपये का बजट मिला

    -स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दशकों से राज्य आयुष सोसाइटी के अभाव के कारण दिल्ली को एमएएम (राष्ट्रीय आयुष मिशन) की केंद्रीय योजना के तहत धनराशि नहीं मिल पा रही थी। आयुष सोसाइटी के गठन से अब हम इन संसाधनों का पूरा उपयोग आयुष चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने और सेवा से जुड़े लोगों को लाभान्वित करने में कर सकेंगे। वर्ष 2025-26 के लिए एनएएम के तहत दिल्ली के लिए 56 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

    पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से मानसिक स्वास्थ्य का होगा इलाज

    डॉ. सिंह ने कहा कि दिल्ली के लोगों के लिए पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुष के माध्यम से एक मानसिक स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम लाने की तैयारी है, जो पूरे देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में एक आदर्श बनेगा। हम दुनिया को यह साबित करेंगे कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से भी मानसिक स्वास्थ्य का इलाज संभव है। हम आयुष चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से तनाव प्रबंधन पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम भी शुरू करने जा रहे हैं।