बेटे के जन्मदिन की मोमबत्ती जलने के बजाय जली पिता की चिता, नवजोत को मुखाग्नि देते ही छलके सभी के आंसू
पश्चिमी दिल्ली में एक बीएमडब्ल्यू कार दुर्घटना में वित्त मंत्रालय के उपसचिव नवजोत सिंह की दुखद मृत्यु हो गई। जिस दिन उनके बेटे का जन्मदिन था उसी दिन उसे अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देनी पड़ी। नवजोत के अंतिम संस्कार में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। नवजोत की पत्नी जो अस्पताल में भर्ती हैं ने भी अपने पति के अंतिम दर्शन किए।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। नियति भी कैसे कैसे दिन दिखाती है। जिस दिन जन्मदिन के केक पर लगी मोमबत्तियों को खुशी खुशी बुझाया जाता, उस दिन उसी शख्स को अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देनी पड़ी।
बीएमडब्ल्यू कार हादसे में जान गंवाने वाले वित्त मंत्रालय में तैनात उपसचिव नवजोत सिंह के बेटे का मंगलवार को जन्मदिन था, लेकिन परिवार ने जन्मदिन के केक पर लगी जलती मोमबत्तियां नहीं बल्कि चिता से उठती लपटें देखीं। हरिनगर स्थित बेरिवालाबाग श्मसान भूमि में जब नवजोत को बेटे के हाथों मुखाग्नि दी जा रही थी, तब वहां मौजूद लोगों की आंखें नम थीं।
पिता का भेजा आखिरी पार्सल देख बेटा हुआ भावुक
मंगलवार सुबह नवजोत के शव का पोस्टमार्टम डीडीयू हॉस्पिटल में किया गया। मोर्चरी के बाहर बड़ी संख्या में इनके स्वजन व मित्र मौजूद रहे। यहां एकत्रित नवजोत के मित्रों का कहना था कि नवजोत यारों का यार था। मान लीजिए वह हमारे घर आया, उसने देखा कि घर की ट्यूबलाइट खराब है तो अगले दिन आपको कोरियर पर ट्यूबलाइट मिलता और आपको पता चलता कि यह किसी और ने नहीं बल्कि नवजोत ने भेजा है। हर किसी के जन्मदिन पर सरप्राइज गिफ्ट देना उसकी आदत थी।
ऋषभ बताते हैं कि मंगलवार सुबह नवनूर ने फोन कर बताया कि अंकल, डैडा का गिफ्ट आया है। डैडा ने सरप्राइज गिफ्ट के तौर पर मेरे लिए दो पार्सल बुक किए थे। सुबह सुबह ही इसकी डिलिवरी हुई है। अब इसका क्या करें, यह कहते हुए फोन पर नवनूर फफक रहा था। नवनूर को इन दिनों कुकिंग का शौक चढ़ा था, यह देखते हुए नवजोत ने अपने बेटे के लिए एयर फ्रायर बुक किया था। इसके अलावा एक शर्ट भी थी। यह ऐसा पल था, जिसे देख व सुन हर किसी का कलेजा फटने को आ गया।
नवजोत के शव का अंतिम दर्शन कर पत्नी की छलकी आंखें
पोस्टमार्टम के बाद नवजोत का शव द्वारका स्थित वेंकटेश्वर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी पत्नी संदीप कौर भर्ती हैं। सोमवार को यहां इनका आपरेशन हुआ। अभी इनकी ऐसी हालत नहीं हैं कि अस्पताल से इन्हें छुट्टी मिले। स्वजन ने तय किया कि नवजोत के अंतिम दर्शन के लिए इनका शव अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां इनकी पत्नी इनके अंतिम दर्शन कर सकेंगी।
पोस्टमार्टम के बाद जब शव अस्पताल पहुंचा, तब अस्पताल में एक तरफ स्ट्रेचर पर लेटी नवजोत की पत्नी थी और वहीं दूसरे स्ट्रेचर पर नवजोत का शव। पति के अंतिम दर्शन के दौरान संदीप ने नवजोत के बेजान चेहरे को छूआ। इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें छलछला उठीं। फिर वहां से शव को प्रताप नगर स्थित आवास पर लाया जाएगा। फिर यहां से शव अंतिम संस्कार के लिए बेरीवाला बाग स्थित श्मसान भूमि ले जाया गया।
श्मसान भूमि में कई देशों के दूतावास के प्रतिनिधि रहे मौजूद
श्मसान भूमि में नवजाेत के अंतिम संस्कार में जुटे लोगों में कई देशों के दूतावास के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इनमें जापान, दक्षिण काेरिया, चीन शामिल रहे। तीनों ही देशों में नवजोत भारत की ओर से बाइलेटरल हेड का दायित्व निभा चुके थे।
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