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    दिल्ली कैंट और आसपास कई अस्पताल होने के बाद भी घायलों को 20 KM दूर लेकर क्यों गई गगनप्रीत? पता लगा रही पुलिस

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 12:29 AM (IST)

    दिल्ली कैंट में बीएमडब्ल्यू दुर्घटना के बाद पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी गगनप्रीत ने घायलों को पास के अस्पताल के बजाय दूर जीटीबी नगर के अस्पताल क्यों पहुँचाया। पुलिस को पता चला है कि जीटीबी नगर में गगनप्रीत का मायका है और अस्पताल का मालिक उनका रिश्तेदार है। जांच में यह भी सामने आया कि गगनप्रीत नशे में नहीं थी।

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    दिल्ली कैंट हादसे के बाद आरोपी महिला गगनप्रीत की जांच में जुटी पुलिस।

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। दिल्ली कैंट थाना क्षेत्र में बीएमडब्ल्यू कार हादसे के बाद आरोपित महिला गगनप्रीत घायल नवजोत व संदीप को आसपास स्थित अस्पताल न ले जाकर करीब 20 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर स्थित अस्पताल क्यों लेकर गई, यह पुलिस जांच का अहम विषय है।

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    पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह पता चला है कि गगनप्रीत का मायका जीटीबी नगर है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जीटीबी नगर के जिस अस्पताल में गगनप्रीत नवजोत व इनकी पत्नी को लेकर गई थी, उसका मालिक इनका स्वजन है।

    हालांकि गगनप्रीत ने पुलिस को दिए बयान में यह कहा है कि पूर्व में कोरोना के दौरान अपने बच्चाें को उसने यहां भर्ती कराया था, जिस कारण यहां वह आ चुकी थी। लेकिन क्या केवल इसलिए गगनप्रीत घायलों को लेकर वहां गई या बात कुछ और है। तमाम संभावनाओं को पुलिस खंगाल रही है।

    इस गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने अभी तक जितने भी लोगों के बयान लिए हैं, उनसे बात नहीं बन पा रही है। अब इस मामले में गगनप्रीत के पति का बयान अहम होगा। पुलिस अब उसका बयान दर्ज करने की तैयारी में जुटी है।

    मंगलवार को गगनप्रीत के पति को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उधर गगनप्रीत कार चलाते समय नशे में थी या नहीं, इसका पता करने के लिए उससे लिए ब्लड सैंपल जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया, उसके नतीजे आ गए। नतीजाें से पता चला कि गगनप्रीत घटना के समय नशे में नहीं थी।

    आखिर पुलिस को क्यों नहीं किया गया काल

    पुलिस यह भी पता कर रही है कि आखिर गगनप्रीत व इसके पति ने घटना के बाद पुलिस को काल क्यों नहीं किया। संभव है कि पुलिस को यदि घटना की समय से जानकारी मिलती तो पुलिस उन्हें तत्काल चंद मीटर की दूरी पर स्थित आर्मी बेस अस्पताल लेकर जाती। पुलिस के पास एम्स ट्रामा सेंटर या सफदरजंग अस्पताल लेकर जाने का भी विकल्प था। आसपास में इसके अलावा भी कई और अस्पताल हैं।

    फोरेंसिक टीम ने कार की जांच की

    फोरेंसिक की टीम ने बीएमडब्ल्यू व मोटरसाइकिल की जांच की और नुकसान का आंकलन किया। घटना के समय कार की रफ्तार कितनी होगी, इसका भी पता करने की कोशिश की जा रही है। जांच से जुड़े अधिकारी ने बताया कि यहां मिले तथ्यों का विश्लेषण करने के बाद ही इस मामले में ठोस तौर पर कुछ कहा जा सकता है।