'किंगफिशर के पूर्व मालिक विजय माल्या भी भागे', CBI ने चिदंबरम की विदेश यात्रा में ढील का किया विरोध
प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की विदेश यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का विरोध किया। एजेंसी ने आइएनएक्स मीडिया मामले में जमानत शर्तों का हवाला दिया जिसमें विदेश यात्रा से पहले अदालत की अनुमति अनिवार्य है। कार्ति चिदंबरम ने प्रतिबंधों में ढील के लिए याचिका दायर की है। सीबीआई के वकील ने विजय माल्या का उदाहरण देते हुए चिंता व्यक्त की जिस पर अदालत ने जवाब मांगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। किंगफिशर के मालिक व पूर्व सांसद विजय माल्या का हवाला देते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की विदेश यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का विरोध किया। आइएनएक्स मीडिया मामले में जमानत देते हुए चिदंबरम को विदेश यात्रा से पहले ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेने का आदेश दिया था।
कार्ति चिदंबरम ने याचिका दायर कर प्रतिबंधों में ढ़ील देने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कार्ति की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल एक सांसद हैं और संसद में उपस्थित होते हैं और उनके भागने का कोई खतरा नहीं है।
इसके जवाब में सीबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अनूप एस शर्मा ने कहा कि विजय माल्या का नाम लिए बिना कहा कि किंगफिशर के पूर्व मालिक भी कभी सांसद हुआ करते थे और आज ब्रिटेन में बैठे हैं। इस पर पीठ ने एजेंसी से सवाल किया कि अगर एक व्यक्ति भाग गया, तो क्या उन्हें लगता है कि सभी भाग जाएंगे?
शर्मा ने कहा कि एजेंसी को कुछ चिंताएं हैं और इसीलिए वह चाहती है कि कार्ति चिदंबरम हर विदेश यात्रा के लिए अदालत की अनुमति लें। इस पर पीठ ने एजेंसी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 10 सितंबर तक के लिए टाल दी।
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