CBSE ने स्कूली छात्रों के लिए शुरू की दो खास पहल, विद्यार्थियों का होगा करियर ग्रोथ और मानसिक विकास
सीबीएसई ने छात्रों के लिए करियर मार्गदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य सहायता हेतु नई पहल की है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से सीबीएसई करियर मार्गदर्शन डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल लागू होंगे। इन पहलों का उद्देश्य छात्रों को बेहतर करियर विकल्प चुनने और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करना है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में छात्रों को समय रहते करियर से जुड़े सही विकल्प चुनने और स्कूल स्तर पर ही मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य सहायता अब संस्थागत और तकनीक-सक्षम रूप में उपलब्ध होगी।
सीबीएसई ने इसे लेकर दो महत्वपूर्ण पहल, सीबीएसई करियर मार्गदर्शन डैशबोर्ड और सीबीएसई काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल की शुरुआत की। ये दोनों योजनाएं शैक्षणिक सत्र 2025-26 से देश के सभी सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में लागू की जाएंगी।
ये पहल द्वारका स्थित सीबीएसई इंटीग्रेटेड ऑफिस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लांच की गई। जिसमें देशभर के 500 से अधिक प्रधानाचार्य, परामर्शदाता, वेलनेस टीचर्स और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
इन पहलों का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल करियर के बेहतर विकल्पों की पहचान कराने में मदद करना है, बल्कि उन्हें स्कूल स्तर पर मानसिक और भावनात्मक सहयोग भी सुनिश्चित कराना है। सीबीएसई चेयरमैन राहुल सिंह ने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के विजन के अनुरूप है और बोर्ड का उद्देश्य है कि हर विद्यार्थी को व्यक्तिगत रुचियों, क्षमताओं और मानसिक स्थिति के अनुरूप मार्गदर्शन और सहयोग मिले।
करियर गाइडेंस डैशबोर्ड
यह एक डिजिटल प्लेटफार्म है जो विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम, करियर विकल्प, रुचि परीक्षण, कालेज दाखिला, स्किल मैपिंग (कौशल मानचित्रण) जैसी तमाम जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध कराता है। यह पोर्टल सीबीएसई करियर गाइडेंस पर लाइव है और इसका इंटरफेस विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के लिए अलग-अलग स्तर पर उपयोगी बनाया गया है।
इस प्लेटफार्म पर छात्र एआइ-आधारित सुझावों के माध्यम से अपने लिए उपयुक्त करियर पथ की पहचान कर सकेंगे, वहीं शिक्षक अपने छात्रों के लिए व्यक्तिगत करियर प्लानिंग में सहयोग कर सकेंगे।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए हब एंड स्पोक मॉडल
सीबीएसई ने स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता दिखाते हुए एक मजबूत नेटवर्क आधारित माडल भी शुरू किया है। इसके तहत कुछ स्कूलों को मेंटर हब स्कूल बनाया जाएगा, जो अपने आसपास के स्पोक स्कूलों को मार्गदर्शन और सहायता देंगे।
यह माडल विद्यार्थियों के लिए नियमित परामर्श, आपातकालीन हस्तक्षेप, वेलनेस प्रोग्राम, और माता-पिता के लिए कार्यशाला के माध्यम से एक समग्र सहयोग प्रणाली विकसित की जाएगी।
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि आज के विद्यार्थियों को सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं, बल्कि सही समय पर सही मार्गदर्शन और मानसिक संतुलन की आवश्यकता है। सीबीएसई की ये दोनों पहल इसी लक्ष्य की पूर्ति करेंगी।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डा. संयम भारद्वाज ने परीक्षा सुधारों पर विशेष सत्र लिया और एनईपी- 2020 के तहत लाए गए परिवर्तनों की जानकारी दी। उन्होंने स्कूलों की शंकाओं का समाधान भी किया।
यह भी पढ़ें- दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे युवती का थार पर खतरनाक स्टंट! वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में पुलिस
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।