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    दिल्ली में चुनाव आयोग के SIR पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, 10 विधानसभा क्षेत्रों की मैपिंग को बताया गलत

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 03:43 AM (IST)

    दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम में खामियां बताई हैं। पार्टी का कहना है कि 10 विधानसभा क्षेत्रों की मैपिंग गलत है जिससे मतदाताओं को परेशानी होगी। कांग्रेस ने मांग की है कि इस मैपिंग की दोबारा जांच हो और इसे सुधारा जाए ताकि लोगों को वोटर लिस्ट में अपना नाम ढूंढने में दिक्कत न हो।

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    चुनाव आयोग के एसआईआर पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव आयोग द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआइआर) के लिए जारी की गई मैपिंग पर प्रदेश कांग्रेस ने सवाल उठाया है। पार्टी का कहना है कि जिस प्रकार मैपिंग की गई है, उसमें 10 विधानसभाओं की मैपिंग में खामियां हैं।

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    अगर उसके आधार पर मतदाता वोटर लिस्ट में ढूंढेंगे तो उन्हें अपना नाम ही नहीं मिलेगा, क्योंकि मैपिंग में उनका एरिया दूसरे विधानसभा में डाल दी गई है। लोग परेशान होंगे, उन्हें लगेगा कि उनका नाम काट दिया गया है।

    प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपाध्यक्ष चतर सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि पिछले दिनों दिल्ली चुनाव आयोग ने राजधानी में भी एसआइआर करने का ऐलान किया है। इसके लिए उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। इसके तहत वेबसाइट पर मैपिंग के तहत विधानसभा अनुसार इलाके का नाम जारी किया है। चतर सिंह ने इस मैपिंग में खामियां बताई है।

    उन्होंने कहा कि 2025 के वोटर लिस्ट के अनुसार कालकाजी विधानसभा की मैपिंग में ओखला, कालकाजी, तुगलकाबाद और मालवीय नगर का नाम है, जबकि 2008 के परिसीमन आर्डर के आधार पर मालवीय नगर का नाम नहीं होना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्रों में बहुत दूरी है और मालवीय नगर खुद एक विधानसभा है। चतर सिंह ने कहा कि ऐसे 10 विधानसभाओं में कमियां पाई गई हैं- तिमारपुर, बवाना, पटेल नगर, तिलक नगर, उत्तम नगर, दिल्ली कैंट, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी, तुगलकाबाद और पटपड़गंज।

    पटपड़गंज विधानसभा में 2008 के परिसीमन के आधार पर पटपड़गंज, मंडावली और त्रिलोकपुरी एरिया भी मैपिंग में होनी चाहिए, लेकिन इसमें त्रिलोकपुरी का नाम ही नहीं है, केवल दो क्षेत्रों के आधार पर इसकी मैपिंग कर दी गई है।

    उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जल्दीबाजी में यह मैपिंग की गई है, उस पर सवाल उठना लाजिमी है। पार्टी मांग करती है कि मैपिंग की स्टडी हो और इसे बदला जाए, ताकि आम लोगों को परेशानी नहीं हो।