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    केजरीवाल को बंगला आवंटित करने में देरी पर हाईकोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार, दिए ये सख्त निर्देश

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को आवास आवंटन में देरी पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि प्रतीक्षा सूची क्या है और 35 लोधी एस्टेट कब आवंटित किया गया। कोर्ट ने केंद्र को आवास आवंटन नीति का विवरण 18 सितंबर तक पेश करने का निर्देश दिया। सरकार ने कहा कि बंगला एक राज्य मंत्री को आवंटित किया गया है और केजरीवाल को जल्द ही आवास मिलेगा।

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को आवास आवंटन में देरी पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल को आवास आवंटन में हो रही देरी को लेकर केंद्र सरकार की खिंचाई की।

    न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है कि आपने 35 लोधी एस्टेट आवंटित कर दिया, जबकि सरकार इस मामले पर रोक लगाने की मांग कर रही थी। पीठ ने कहा कि सरकार की इस मामले में कोई रुचि नहीं है। पीठ प्रतीक्षा सूची आवंटन में बाधा नहीं डाल सकती और न ही पहले ऐसा हुआ है।

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    पीठ ने यह भी पूछा कि प्रतीक्षा सूची क्या है और आप इसे चुनिंदा रूप से नहीं दे सकते। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पेश करना और यह बताना बेहद जरूरी है कि 35 लोधी एस्टेट कब आवंटित किया गया और यह 26 अगस्त से पहले किया गया या उसके बाद।

    पीठ ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण सभी के लिए मुफ्त व्यवस्था जैसा है और वह यह तय नहीं कर सकती कि किसे घर मिलेगा। पीठ ने केंद्र को सामान्य आवासीय पूल से आवास आवंटन की नीति और वर्तमान प्रतीक्षा सूची का विवरण 18 सितंबर तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    पीठ ने केजरीवाल को आवास आवंटन के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा की दलीलें सुनने के बाद यह टिप्पणी की। मेहरा ने कहा कि सरकारी वकील ने पहले केजरीवाल को 35 लोधी एस्टेट स्थित बंगला आवंटित करने के पार्टी के प्रस्ताव पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा था, लेकिन यह किसी और को आवंटित कर दिया गया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसी साल मई में यह बंगला खाली कर दिया था।

    मेहरा ने कहा कि बाद में केंद्र सरकार के वकील ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए बार-बार समय मांगा। उन्होंने तर्क दिया कि सुनवाई की पिछली दो तारीखों पर, केंद्र ने अदालत में मामले को टालना जारी रखा और बंगला किसी और को आवंटित कर दिया।

    इसी समय, केंद्र की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने स्वीकार किया कि 35 लोधी एस्टेट बंगला एक राज्य मंत्री (एमओएस) को आवंटित किया गया था और अदालत से आवंटन का विवरण देने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया।

    शर्मा ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल किसी विशेष बंगले के आवंटन की मांग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जब भी संभव होगा, केजरीवाल को आवास आवंटित किया जाएगा। इस पर पीठ ने केंद्र से यह भी पूछा कि वह राज्य मंत्री को 35 लोधी एस्टेट आवंटित होने की सही तारीख बताए।