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    प्रेमिका का अपहरण कर हत्या, क्राइम ब्रांच ने इनामी आरोपी को भारत-नेपाल सीमा पर दबोचा

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 07:21 PM (IST)

    क्राइम ब्रांच ने भारत-नेपाल सीमा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने शादी से इनकार करने पर अपनी प्रेमिका का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने आरोपी पर एक लाख का इनाम रखा था। आरोपी अर्जुन कुमार नेपाल में भी हत्या के आरोप में जेल में था और वहां से भाग गया था। वह भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।

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    क्राइम ब्रांच ने भारत-नेपाल सीमा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच की टीम ने भारत-नेपाल सीमा से उस आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसने शादी से इनकार करने पर अपनी प्रेमिका का अपहरण कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसकी पहचान बिहार के छपरा जिले के चौसा गांव निवासी अर्जुन कुमार उर्फ ​​भोला के रूप में हुई है।

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    वह पिछले आठ सालों से फरार था और उसने नेपाल में एक और हत्या की थी, जब उसने अपने साथी की प्रेमिका की मां की हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 25 साल कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन हाल ही में नेपाल में चल रहे आंदोलन के दौरान वह जेल से फरार हो गया।

    पुलिस उपायुक्त हर्ष इंदौरा के अनुसार, 17 नवंबर 2017 को न्यू अशोक नगर निवासी पप्पू सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी का अपहरण हो गया है। उसे शक था कि अर्जुन और पिंटू ने उसकी बेटी का अपहरण किया है।

    इसके बाद पीड़िता का शव आरोपी अर्जुन के किराए के कमरे से बरामद हुआ। पीड़िता की गला रेतकर बेरहमी से हत्या की गई थी। काफी तलाश के बाद भी आरोपी अर्जुन का पता नहीं चल पाया और मामला क्राइम ब्रांच को सौंपते हुए पिछले साल 1 जनवरी को उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया।

    जांच में पता चला कि आरोपी नेपाल भाग गया था। नेपाल में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की एक ऐसी ही वारदात को अंजाम दिया, जिसमें उसने अपने सहकर्मी की प्रेमिका की माँ की भी गला रेतकर हत्या कर दी थी। क्योंकि वह उससे शादी करने के खिलाफ थी।

    जांच में आगे पता चला कि आरोपी नेपाल की एक जेल में बंद है। टीम मुखबिरों के नेटवर्क की मदद से उस पर लगातार नज़र रख रही थी। इसी दौरान हेड कांस्टेबल सोनू और अमित को नेपाल की एक जेल से भागने की घटना की जानकारी मिली, जिसमें अर्जुन भी फरार हो गया था।

    टीम को भनक लगी कि वह भारत और नेपाल दोनों जगहों पर गिरफ्तारी से बचने के लिए बिहार स्थित अपने पैतृक घर पहुँच सकता है। टीम ने मुखबिरों को तैनात किया और एसीपी अजय की देखरेख और इंस्पेक्टर पंकज ठाकरान के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने उसे उस समय धर दबोचा जब वह रक्सौल सीमा के रास्ते भारत-नेपाल सीमा पर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।