Delhi Crime: जेबकतरों से माेबाइल फोन खरीदकर बेचने वाले दो शातिर बदमाश गिरफ्तार, मेट्रो और बसों में होती थी चोरी
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन में चोरी हुए मोबाइल फोन बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गाजियाबाद के वसीम और अकरम को गिरफ्तार किया गया जिनके पास से चोरी के मोबाइल हथियार और एक कार बरामद हुई। वसीम पहले जेबकतरी करता था फिर चोरी के मोबाइल बेचने लगा। पुलिस अब नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और बरामद मोबाइलों को मालिकों को लौटाएगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन से चोरी हुए मोबाइल फोन खरीदकर बेचने वाले शातिर गिरोह के दो सदस्यों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान गाजियाबाद, भोपुरा के वसीम और उसके साथी अकरम के रूप में हुई है। इनके पास से दस चोरी के मोबाइल फोन, एक कट्टा, दो कारतूस और मारुति स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की गई है।
क्राइम ब्रांच के उपायुक्त विक्रम सिंह के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुनील कुमार कुंडू के नेतृत्व में टीम लगातार मोबाइल चोरी के नेटवर्क पर नजर रख रही थी। तकनीकी निगरानी और स्थानीय खबरियों से मिली सूचना पर पता चला कि वसीम और उसका साथी अकरम मेट्रो और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में सक्रिय जेबकतरों से चोरी के मोबाइल खरीदकर उन्हें कम दाम में बेचते हैं।
चार अक्टूबर को टीम ने वेलकम मेट्रो स्टेशन के पास जाल बिछाकर दोनों को कार समेत पकड़ लिया। तलाशी में उनके पास से एक चोरी के दस मोबाइल फोन और अवैध हथियार बरामद हुए।
पूछताछ में वसीम ने बताया कि उसने शुरुआत में मेट्रो और बसों में जेबकतरी की थी, लेकिन बार-बार पकड़े जाने के डर से चोरी के मोबाइल खरीदकर आगे बेचने का धंधा शुरू कर दिया। वह हर मोबाइल की कीमत तय करता, फिर बाजार के हिसाब से खरीदार ढूंढता ताकि पुलिस तक खबर न पहुंचे।
सुरक्षा के लिए हमेशा अवैध हथियार रखता और गाड़ी चलाने के लिए अकरम को अपने साथ रखता था। जांच में पता चला कि वसीम के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग थानों में 22 मामले दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर जेबकतरी और चोरी के हैं। अकरम अब तक किसी आपराधिक मामले में शामिल नहीं था, लेकिन हाल ही में वसीम के साथ जुड़ गया।
चोरी के मोबाइल मालिकों को लौटाए जाएंगे
क्राइम ब्रांच ने बरामद मोबाइल फोन के क्रमांक (आइएमईआइ) की जांच शुरू कर दी है, ताकि उन्हें असली मालिकों को वापस सौंपा जा सके। टीम अब इस पूरे नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में है, ताकि मेट्रो में सक्रिय जेबकतरों और चोरी के मोबाइल बेचने वालों पर पूरी तरह नकेल कसी जा सके।
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