CRRI से सेवानिवृत्त विज्ञानी को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 42 लाख, बैंक खाते मुहैया कराने वाले तीन गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर 42.49 लाख रुपये ठगे थे। आरोपियों ने खुद को ईडी अधिकारी बताकर पीड़ित को सीबीआई में केस दर्ज कराने की धमकी दी थी। पुलिस ने आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया और मामले की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) से सेवानिवृत्त 80 वर्षीय वरिष्ठ विज्ञानी सतिंदर कुमार मल्होत्रा को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 42.49 लाख रुपये ठगी करने वाले तीन आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।
ईडी अधिकारी बनकर साइबर धोखेबाजों ने पीड़ित को काॅल कर कहा था कि उनके खिलाफ अलग-अलग जगहों पर कई केस दर्ज हैं। केंद्र सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है। उनकी सभी चल व असल संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।
काॅलर ने उनके खिलाफ सीबीआई में केस दर्ज कराने की भी धमकी दी थी। जिससे बुजुर्ग विज्ञानी व उनकी पत्नी काफी डर गई थीं। बुरी तरह से डराते हुए साइबर अपराधियों ने एक हफ्ते तक पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करके रखा था।
इस दौरान राहत दिलाने के नाम पर उनसे कई बैंक खातों में 42.49 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। लाखों रुपये ठगने के बाद साइबर अपराधियों ने जब उन्हें डिजिट अरेस्ट से मुक्त कर दिया था। तब उन्होंने अपने दामाद को इस बात की सूचना दी।
जिसके बाद दामाद ने पुलिस से शिकायत कर केस दर्ज करवाया। डीसीपी, क्राइम ब्रांच, आदित्य गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम महेंद्र कुमार वैष्णव, विशाल कुमार व श्याम दास है।तीनों पाली, राजस्थान के रहने वाले हैं।
इन्होंने साइबर सिंडिकेट को अपने-अपने बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। इनके बैंक खातों में 8.49 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे, जिससे पीड़ित के पैसे को कई माध्यमों से डायवर्ट और लाॅन्ड्रिंग करने में मदद मिली।
करीब एक माह पहले पीड़ित को कुछ वाॅट्सएप नंबरों से धोखाधड़ी वाले काॅल आए थे, जिनमें काॅल करने वालों ने खुद को ईडी अधिकारी बनकर बुजुर्ग सेवानिवृत्त अधिकारी को अपने झांसे में लिया था। बुजुर्ग विज्ञान लोक, दिल्ली में पत्नी के साथ रहते हैं। उनके बच्चे विदेश में रहते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने 10-10 हजार रुपये मासिक कमीशन की शर्त पर सिंडिकेट को चालू बैंक खाता उपलब्ध कराया था। ठगी की रकम आठ बैंक खातों में मंगवाए जाने की पुलिस को जानकारी मिली है।
एसीपी अनिल शर्मा व इंस्पेक्टर शिव राम के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जांच पड़ताल के बाद सोमवार को राजस्थान जाकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
इन्होंने अपने बैंक खातों के अलावा चेकबुक, एटीएम कार्ड, सिमकार्ड और इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स आदि साइबर सिंडिकेट को सौंप दिए थे। इनसे पूछताछ कर पुलिस साइबर ठगी करने वाले मुख्य आरोपियों के बारे में पता करने की कोशिश कर रही है ताकि उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सके।
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