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    दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े पांच साइबर ठग, मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों को बनाते थे शिकार

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 09:40 AM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने निवेश पर भारी मुनाफे का वादा कर लोगों को ठगने वाले पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों के संपर्क में था। आरोपियों के खातों में 4.25 करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन लैपटॉप और अन्य सामान बरामद किया है।

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    निवेश पर मोटे रिटर्न का झांसा दे ठगने वाले पांच साइबर ठग गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली में शेयर बाजार और आइपीओ में निवेश पर मोटे रिटर्न का झांसा देकर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सहित पांच साइबर ठगों को दक्षिण पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह का मास्टरमाइंड कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों के संपर्क में था।

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    आरोपितों के खातों की जांच करने पर पुलिस को उसमें 4.25 करोड़ रुपये के लेन देन का हिसाब मिला है। पुलिस ने आरोपितों को चार राज्यों में छापेमारी कर गिरफ्तार किया है।

    आरोपितों की पहचान राजस्थान के सीकर निवासी मंगू सिंह, सोनीपत निवासी हरि किशन सिंह, हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी अक्षय, पंजाब के जीरकपुर निवासी मुकुल और हरियाणा के जींद निवासी विक्रम के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 13 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, नौ चेक बुक, तीन रजिस्टर व आठ सिम कार्ड बरामद किए हैं।

    पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि पीड़ित पालम कालोनी निवासी आर. चौधरी ने साबइर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि ठगों ने उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़़ा और उन्हें शेयर बाजार में निवेश पर मोटे रिटर्न का दावा किया था।

    आरोपितों ने शुरू में निवेश की गई रकम पर छोटे छोट मुनाफे दिए और फिर विश्वास में लेकर 10.7 लाख रुपये निवेश करवा लिए। कुछ दिनों बाद जब पीड़ित ने निवेश की गई रकम निकालने की कोशिश की तो आरोपितों ने उस पर रोक लगा दी। इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

    पुलिस टीम ने तकनीकी निगरानी, मनी ट्रेल और डिजिटल फुटप्रिंट का विश्लेषण किया। इस दौरान पुलिस ने बैंक से मिले कुछ महत्वपूर्ण सबूतों के आधार पर हरियाणा के जींद जिले में छापा मार कर विक्रम को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने जीरकपुर निवासी मुकुल को पकड़ा।

    वहीं, पूछताछ के दौरान मुकुल ने बताया कि उसने अपने और विक्रम के बैंक खाते अक्षय को दिए थे। पुलिस ने उसे हिमाचल प्रदेश के ऊना से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके खातों से रुपये निकालने वालों के बारे में जानकारी जुटाई और अमृतसर से सोनिपत निवासी हरि किशन को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि उन्हें राजस्थान के रहने वाला मंगू सिंह निर्देश देता था। पुलिस ने राजस्थान के सीकर में छापा मार कर मंगू सिंह को गिरफ्तार किया।

    कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों के संपर्क में था मंगू सिंह

    इस गिरोह का मास्टरमाइंड मंगू सिंह अपने सहयोगी कुलदीप के साथ टेलीग्राम के माध्यम से कंबोडिया में बैठे साइबर के संपर्क में आया था। उन्होंने एटीपे नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया, इस ग्रुप में बैंक खातों की जानकारी साझा की जाती थी।

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    मंगू सिंह ने विक्रम, मुकुल और अक्षय के माध्यम से लोगों के फर्जी बैंक खाते खुलवाते और उसमें ठगी की रकम मंगवाते थे। इसकी एवज में उन्हें कमीशन दिया जाता था। सभी खातों की जानकारी हरि किशन सिंह और मंगू सिंह दी जाती थी। मंगू इन खातों की जानकारी कंबोडिया में बैठे गिरोह के संचालकों को देता था। वे लोग इन खातों में आने वाले पैसों को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर उसे क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) में परिवर्तित कर देते थे।