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    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से ‘नेत्र कुंभ’ तक, सेवा और परोपकार भारत की मिट्टी के मूल गुण: दत्तात्रेय होसबाले

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 09:58 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने त्याग और सेवा को भारत की मिट्टी के दो स्तंभ बताया। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान लोगों द्वारा किए गए निस्वार्थ सेवा कार्यों की सराहना की। पूसा में संत ईश्वर सम्मान समारोह 2025 में उन्होंने परोपकार से जुड़ने का आह्वान किया। समारोह में समाज सेवा में जुटे विशिष्ट लोगों और संगठनों को सम्मानित किया गया जिसमें नेत्र कुंभ 2025 भी शामिल था।

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    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेेय होसबले व कृषि मंत्री। फोटो : चंद्र प्रकाश मिश्र

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि त्याग और सेवा भारत की मिट्टी के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, कोरोना महामारी में यह हम सभी ने देखा। जब लाखों लोग अपने गृह राज्य को पैदल जा रहे थे तो भूखे-प्यासे होने के बावजूद किसी को लूटा नहीं, वहीं जगह-जगह परेशानी में होने के बावजूद स्थानीय लोगों ने उनके निस्वार्थ सहयोग को हाथ बढ़ाया और हर तरह से मदद की। यह तस्वीर विश्व में कहीं और नहीं मिली। इसके उलट, लूट की घटनाएं देखने को मिली। 

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    क्षेत्र में ऐसे कार्य ढूंढने चाहिए

    वह पूसा स्थित भारत रत्न सी सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम में संत ईश्वर फाउंडेशन व राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोगों से परोपकार से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यह शरीर परोपकार के लिए है। समाज व राष्ट्र का ऋण चुकाने के लिए हमें अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे कार्य ढूंढने चाहिए।  

    कुंभ में किया गया सेवा कार्य

    इस समारोह में विभिन्न राज्यों में समाज सेवा में निःस्वार्थ भाव से जुटे 18 विशिष्ट लोगों और संगठनों को सम्मानित किया गया। जनजातीय विकास, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास और विशेष योगदान (कला, साहित्य, पर्यावरण, आत्मनिर्भरता आदि) में तीन श्रेणियों -विशिष्ट सेवा सम्मान, सेवा सम्मान व विशेष सेवा सम्मान में कुल 32 लाख रुपये की अनुदान राशि वितरित की गई। इसमें कुंभ के दौरान लगे नेत्र कुंभ 2025 को विशेष सेवा सम्मान से गौरवान्वित किया गया। प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित में नेत्र कुंभ में लाखों श्रद्धालुओं को निःशुल्क नेत्र जांच, दवाइयां, चश्मे और उपचार प्रदान कर अंधत्व की रोकथाम की गई।

    10 वर्ष की यात्रा में पुस्तक में वर्णन

    इस मौके पर ग्रामीण विकास और कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की भी विशेष मौजूदगी रही। संत ईश्वर फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा कि समाज बदलाव में बिना किसी शोरशराबे के जुटे योद्धाओं को 10 वर्ष पहले सम्मानित करने का जो काम शुरू किया गया था, आज यह बड़ा परिवार बन चुका है। समारोह की शुरुआत सांस्कृतिक प्रस्तुति से हुई, जिसमें आपरेशन सिंदूर नृत्य नाटिका प्रभावशाली व रोमांचित करने वाली रही। इस अवसर पर पिछले 10 वर्ष की प्रेरणादायक यात्राओं को समेटते हुए काफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।  

    स्वदेशी भारत और आत्मनिर्भर भारत का अर्थ 

    केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीवन का वास्तविक अर्थ दूसरों की सहायता करने में है। हजारों वर्ष पहले इस भूमि ने सभी प्राणी अपनी आत्मा के समान है का संदेश दुनिया को दिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेरणा से आज लाखों स्वयंसेवक समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में जुटे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हमारे देश में स्वदेशी भारत और आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर बने और एकजुट होकर प्रगति करें। संत ईश्वर फाउंडेशन वर्षों में इस दिशा में कार्य कर रहा है, जो वास्तव में प्रशंसनीय है।

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