Bullet Train: एनसीआर के इस जिले में रुकेगी दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन, 475 किमी लंबे रूट पर बनेंगे ये 10 स्टेशन
हाई स्पीड ट्रेन का प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद न केवल सोनीपत बल्कि पानीपत करनाल अंबाला जिले के विकास को भी पंख लगेंगे। निर्माण के टेंडरों में पर्यावरण प्रबंधन योजना को सुनिश्चित किया जाएगा और वन नीतियों के तहत ही पेड़ों को हटाया जाएगा। साथ ही किसानों के साथ तालमेल कर जमीन अधिग्रहण का कार्य समय पर करने को कहा है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। दिल्ली से अमृतसर के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट यानी बुलेट ट्रेन का सोनीपत में ठहराव तय हो गया है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के बाद अब यातायात, सामाजिक प्रभाव व पर्यावरणीय प्रभाव के अध्ययन का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके साथ साथ डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
जमीन अधिग्रहण करने को कहा
हरियाणा सरकार ने भी रैपिड रेल, आर्बिटल रेल कॉरिडोर, मारुति उद्योग और सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण के बाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के कार्यों के लिए अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर तमाम तरह की मंजूरी देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसानों के साथ तालमेल कर जमीन अधिग्रहण का कार्य समय पर करने को कहा है।
हाई स्पीड ट्रेन का प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद न केवल सोनीपत बल्कि पानीपत, करनाल, अंबाला जिले के विकास को भी पंख लगेंगे। निर्माण के टेंडरों में पर्यावरण प्रबंधन योजना को सुनिश्चित किया जाएगा और वन नीतियों के तहत ही पेड़ों को हटाया जाएगा। सोनीपत में गांव हरसाना कलां के पास रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है।
दिल्ली-अमृतसर के प्रमुख बिंदु
- दिल्ली से अमृतसर तक बनाए जाएंगे 10 स्टेशन
- 06 जिलों के 136 गांवों से गुजरेगी
- हरियाणा में 175 किमी का सफर होगा
- इस प्रोजेक्ट पर 61 हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान
- सोनीपत में 77.33 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा
- लंबाई-475 किमी
- ट्रैक निर्माण-350 किमी प्रति घंटा
- परिचालन स्पीड-320 किमी प्रति घंटा
- औसत गति-250 किमी प्रति घंटा
एलिवेटेड होगा रेलवे ट्रैक
दिल्ली, सोनीपत, पानीपत, करनाल, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर, ब्यास और अमृतसर में स्टेशन प्रस्तावित हैं। पूरे एलिवेटेड ट्रैक पर किसी की एंट्री नहीं होगी। यह रेलवे ट्रैक जानवरों की पहुंच से भी दूर होगा।
नहीं लगेंगे झटके
एनएचएसआरसीएल अधिकारियों के मुताबिक डिब्बों को एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम के साथ फीट किया जाएगा, जो डिब्बों के हिलने के कारण पैदा होने वाले कंपन को कम करेगा। पारंपरिक सस्पेंशन सिस्टम स्प्रिंग और डैंपर का उपयोग करता है, जबकि एक्टिव सस्पेंशन में कंट्रोलर होते हैं जो वाहन के ढांचे की मूवमेंट को नियंत्रित करते हैं।
इस तरह की सुविधाएं उच्च गति वाली रेल यात्रा के दौरान यात्रियों की सहूलियत बढ़ाएंगी। यात्री केबिन के सामने और पीछे के छोर पर और दोनों तरफ कैमरों का एक सेट होगा, जो किसी भी आनबोर्ड संदिग्ध गतिविधि को रिकार्ड करेगा। इन ट्रेनों में फिट की गई सभी सीटें उन्हें ट्रेन की चलने की दिशा के साथ घूमेंगी।
ट्रेन में क्या होगा खास
- एयरपोर्ट की तर्ज पर अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन होंगे
- हवाई जहाज की तरह ऊपर लगेज बाक्स होगा
- आरामदायक और लग्जरी सीट होंगी, झटके नहीं लगेंगे
- सफर के दौरान जापान की बुलेट ट्रेन की फीलिंग मिलेगी
- एलसीडी पर यात्री सूचना प्रदर्शन
- डिस्प्ले पर ट्रेन का नाम और नंबर, वर्तमान स्टेशन, रुकने का अगला स्टेशन और गंतव्य
- आपातकालीन स्थितियों में जानकारी, लिखित समाचार, दरवाज़ा खुलने के बारे में जानकारी
- वायरलेस इंटरफोन के जरिए चालक से बात करने की सुविधा-सभी यात्री केबिन और शौचालयों में भी इंटरकाम सिस्टम
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गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा की तरह सोनीपत को विकसित करने की प्लानिंग पर काम किया जा रहा है। रेल कोच फैक्टरी, मारुति, रैपिड और आर्बिटल रेल कारिडोर और अब बुलेट ट्रेन से सोनीपत जिले का तेजी से विकास होगा। रदेश सरकार ने महानगर विकास प्राधिकरण बनाकर जिले के विकास का रोडमैप पहले ही तैयार कर लिया है। -रमेश कौशिक, सांसद
हरियाणा के लिए यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है। दिल्ली से चलने के बाद हाईस्पीड ट्रेन का सोनीपत में पहला ठहराव होगा, जिसका बड़ा फायदा जिले को मिलेगा। निश्चित तौर पर सोनीपत के विकास को पंख लगेंगे। 43 किमी का एलिवेटेड रेलवे ट्रैक 34 गांवों से होकर गुजरेगा। इसलिए ज्यादा जमीन अधिग्रहण करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। - डा. मनोज कुमार, डीसी
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