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    धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसा:अल्कोहल टेस्ट में गगनप्रीत को क्लीन चिट, आरोपी दो दिन की न्यायिक हिरासत में

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:24 PM (IST)

    दिल्ली के धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसे में आरोपी गगनप्रीत कौर का अल्कोहल टेस्ट नेगेटिव आया है। उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई और एक घायल है। वकील ने FIR और डीसीपी के बयान में अंतर बताया है साथ ही लापरवाही के आरोपों पर सवाल उठाए हैं। जमानत याचिका दायर की गई है।

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    धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसा मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर का अल्कोहल टेस्ट नेगेटिव आया है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसा मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपी गगनप्रीत कौर का अल्कोहल टेस्ट नेगेटिव आया है। यह जांच इसलिए की गई ताकि यह पता चल सके कि हादसे के समय क्या गगनप्रीत नशे में गाड़ी चला रही थी? फिलहाल, गगनप्रीत को अरेस्ट कर तिहाड़ जेल में दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस दुखद सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और एक अन्य गंभीर रूप से घायल है।

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    डीसीपी के बयान पर प्रश्न

    आरोपी के वकील विकास पाहवा ने मामले में दर्ज एफआईआर पर चिंता जताई है। उनका दावा है कि एफआईआर डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयानों से मेल नहीं खाती। पाहवा ने बताया, "हमने एफआईआर पढ़ी, जो हादसे के 10 घंटे बाद दर्ज की गई। हादसा दोपहर 1:30 बजे हुआ और एफआईआर रात 11:30 बजे दर्ज की गई। एफआईआर की जानकारी डीसीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से विरोधाभासी है और गलत प्रतीत होती है।" 

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    लापरवाही के आरोपों पर सवाल

    पाहवा ने तर्क दिया कि लापरवाही और तेज ड्राइविंग के आरोप इस मामले में लागू नहीं होने चाहिए। उनका कहना है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) को अनुचित रूप से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यदि लापरवाही और तेज ड्राइविंग के कारण किसी की मौत होती है, तो यह जमानती अपराध है। इसे गैर-जमानती बनाने के लिए धाराएं जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। डीसीपी ने कहा कि हादसा एक तीखे मोड़ पर हुआ, जहां कार का अगला हिस्सा पहले टकराया। दोपहिया वाहन पर सवार दो लोग टकराए और एक डीटीसी बस से जा टकराए।" 

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    सीसीटीवी और अन्य सबूत

    पाहवा ने बताया, "सीसीटीवी फुटेज को कोर्ट में पेश नहीं किया गया। आरोपी, उनके पति और बच्चे कार में थे, उनके एयरबैग खुले और वे भी घायल हुए हैं। यह लापरवाही और तेज ड्राइविंग का मामला नहीं है। धारा 304 का मामला कैसे बनता है? आरोप है कि पीड़ितों को 45 मिनट दूर अस्पताल ले जाया गया।" उन्होंने यह भी कहा कि सबूत मौजूद हैं कि आरोपी ने फोन पर डॉक्टर से बात की थी और आपातकाल के लिए तैयार रहने को कहा था। 

    अस्पताल में इलाज और मृत्यु

    पाहवा के अनुसार, "टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि डॉक्टरों ने पीड़ितों का ठीक से इलाज किया। वे 46 मिनट में अस्पताल पहुंचे, और लगभग 2:16 बजे पीड़ित को मृत घोषित किया गया। एफआईआर जांच अधिकारी की कहानी है।" उन्होंने बताया कि आरोपी को दो दिन की न्यायिक हिरासत मिली है और जमानत याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई परसों होगी। 

    बता दें कि यह हादसा रविवार को हुआ था। इसमें एक बीएमडब्ल्यू कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसके कारण मोटरसाइकिल एक बस से जा टकराई थी। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के कर्मचारी नवजोत सिंह की मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी को कई फ्रैक्चर और सिर में चोटें आईं हैं।

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