Delhi News: बाईपास रोड परियोजना अधर में लटकी, खिड़की निवासी ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से परेशान
दक्षिणी दिल्ली में प्रेस एन्क्लेव से स्वामी नगर तक बाईपास लिंक रोड का काम 15 सालों से अटका हुआ है जिससे स्थानीय निवासी परेशान हैं। खिड़की गांव और खिड़की एक्सटेंशन के लोग जाम और प्रदूषण से जूझ रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। 2010 में काम शुरू हुआ लेकिन डीडीए की जमीन के कारण रुक गया।

शनि पथौली, दक्षिणी दिल्ली। प्रेस एन्क्लेव से स्वामी नगर तक बाईपास लिंक रोड का काम पिछले 15 सालों से अटका पड़ा है। इसका खामियाजा खिड़की गांव और खिड़की एक्सटेंशन में रहने वाले हजारों निवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी हर दिन जाम और प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। न तो वे इलाके की मुख्य सड़क से गुजरने वाली मुख्य सड़क पर अपने वाहन पार्क कर सकते हैं और न ही उनके बच्चे घर के बाहर खेल पा रहे हैं। जबकि पीड़ित निवासियों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर संबंधित अधिकारियों तक कई बार बाईपास निर्माण की मांग की है, लेकिन आज तक उनकी समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है।
बीआरटी के निर्माण के बाद वर्ष 2009 में जन कल्याण मोर्चा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने प्रेस एन्क्लेव से स्वामी नगर तक चिराग दिल्ली नाले के साथ बाईपास रोड के निर्माण की मांग की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस परियोजना पर सहमति जताते हुए इसे मंजूरी दे दी थी।
वर्ष 2010 में दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएसएल) ने बाईपास रोड का निर्माण शुरू किया था। बाईपास रोड के लिए कई पिलरों की नींव तैयार की गई थी, लेकिन बाद में सड़क के बीच में आने वाली डीडीए की जमीन पर निर्माण के लिए एनओसी न मिलने के कारण काम रुक गया था।
हालांकि, वर्ष 2015 में नई दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी के प्रयासों से डीडीए से एनओसी भी मिल गई थी। इसके बाद यह मामला डीआईएमटीएसएल से पीडब्ल्यूडी को स्थानांतरित कर दिया गया था। तब से, लगभग 15 साल बाद भी, इस परियोजना पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
खिड़की गांव की मुख्य सड़क से गुजरते हैं 50 हजार वाहन
त्रिवेणी कॉम्प्लेक्स फेज़ वन, शेख सराय डीडीए फ्लैट, मालवीय नगर, स्वामी नगर, खिड़की एक्सटेंशन, पंचशील विहार, सावित्री नगर से साकेत कोर्ट, मॉल और अस्पताल जाने के लिए लोग पुराने बीआरटी यानी एलबीएस मार्ग और खिड़की गाँव से होकर गुजरने वाली सड़क का इस्तेमाल करते हैं। यहाँ से रोज़ाना लगभग 50 हज़ार वाहन गुजरते हैं।
गाँव से होकर गुजरने वाली 18 फ़ीट की सड़क पर पैदल चलने तक की जगह नहीं है। दिन भर धूल और जाम लगा रहता है। वहीं, प्रेस एन्क्लेव रोड को आउटर रिंग रोड से जोड़ने वाली लिंक रोड के निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। अभी इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
इलाके के निवासी बाईपास रोड के निर्माण को लेकर बार-बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। लोक निर्माण विभाग ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अब यह मामला केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा के समक्ष रखा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।
- संदीप सैनी, अध्यक्ष, जन कल्याण मोर्चा
इस बाईपास के न बनने से हमारे बच्चों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। घर के सामने से हर समय वाहन गुजरते रहते हैं। ऐसे में हादसे का डर बना रहता है। हालात ऐसे हैं कि हम घर के बाहर अपनी गाड़ियाँ भी नहीं खड़ी कर सकते, क्योंकि जाम के कारण जगह ही नहीं बचती।
-प्रीतम चौहान, स्थानीय निवासी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।