दिल्ली में बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत, बर्बाद फसलों का मुआवजा देगी सरकार
दिल्ली में बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने और प्रभावित किसानों की सूची बनाने का आदेश दिया है ताकि उन्हें उचित मुआवजा दिया जा सके। सरकार किसानों को मुआवजा देगी और अच्छा काम करने वाले राजस्व विभाग के अधिकारियों को सम्मानित करेगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के लिए किसानों को मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को उन किसानों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं, जिनकी फसलें बाढ़ से बर्बाद हुई हैं।
उन्होंने कहा है कि सूची जल्द तैयार की जाए, ताकि सरकार की ओर से उन्हें उचित मुआवजा दिया जा सके। इसके साथ ही सीएम ने बेहतर काम करने वाले राजस्व विभाग के अधिकारियों को सम्मानित करने की भी बात कही है।
सीएम ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने की भी बात कही है। सीएम ने डीएम, एसडीएम, सब-रजिस्ट्रार के साथ समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह आदेश दिए। दिल्ली सचिवालय में हुई इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव धर्मेंद्र, मंडलायुक्त नीरज सेमवाल समेत अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को चेताया कि सरकार की छवि आपकी ईमानदारी, जनहित और पारदर्शिता से भी तय होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा और बाढ़ के दौरान उल्लेखनीय कार्य करने की तरह ही अब उन्हें रामलीला और दुर्गा पूजा जैसे आयोजनों में भी सक्रियता दिखानी होगी।
उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और सभी आवश्यक अनुमतियां समय पर उपलब्ध कराई जाएं, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सफाई और यातायात प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं से अवगत कराते हुए कहा कि राजधानी को सही मायने में 'विकसित दिल्ली' बनाने के लिए तेज गति से मेहनत करनी होगी। इसके लिए आप लोगों के सहयोग से प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा रहा है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने दें। उन्होंने अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने, चारदीवारी बनाने और भविष्य में अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने हर जिले में नियमित जनसुनवाई आयोजित करने की बात कही, ताकि आम नागरिकों की समस्याओं का सीधा समाधान हो सके।
मुख्यमंत्री ने लंबित प्रमाण पत्रों (आय, जाति आदि) का शीघ्र निपटारा करने के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों से प्रमाण पत्रों से संबंधित नीतियों में सुधार के लिए सुझाव देने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह सही निर्णय लेने में उनके साथ हैं।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही एक वार्षिक पुरस्कार शुरू किया जाएगा, जिसके तहत हर साल उन अधिकारियों और विभागों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपने क्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन किया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे दिल्ली के प्रत्येक जिले की विशेषता और उत्पाद की पहचान करें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक जिला, एक उत्पाद अभियान के तहत उनकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली के संपूर्ण विकास के लिए हम सरकार के जिलों और नगर निगम के जोनों के बीच समन्वय बना रहे हैं ताकि लोगों के काम भी आसानी से हो सकें।
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