सरोगेसी से बांझ दंपतियों को बाहर रखने के खिलाफ याचिका, दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सरोगेसी से गुजरने के इच्छुक जोड़े के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरोगेसी (Surrogacy) से गुजरने के इच्छुक जोड़े के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। सरोगेसी (किराए की कोख) के लाभ से 'बांझ दंपतियों' को बाहर रखने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई की।
14 मार्च को जारी अधिसूचना के खिलाफ एक विवाहित जोड़े ने याचिका दायर कर कहा कि वे सरोगेट की तलाश कर रहे हैं, लेकिन विवादित अधिसूचना के कारण उन्हें सरोगेसी सेवाओं का लाभ उठाने से रोक दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सरोगेसी कानून में संशोधन से व्यथित एक विवाहित जोड़े की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। संशोधित कानून में कहा गया है, 'बांझ दंपतियों द्वारा सरोगेसी सेवाओं के उपयोग पर प्रभावी रूप से रोक लगाने की बात है, जब तक कि उन दोनों में युग्मक उत्पन्न करने की क्षमता न हो।"
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