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    नर्सिंग और पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती का रास्ता साफ, हाई कोर्ट ने फटकारते हुए कहा- रिक्तियों का विज्ञापन दें

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 05:17 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों में नर्सिंग और पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। यह आदेश डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बाद एक जनहित याचिका पर दिया गया। अदालत ने अर्ध-निर्मित अस्पताल परियोजनाओं पर भी चिंता जताई और सरकार को समिति गठित कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी जिसमें स्वास्थ्य सचिव को आना होगा।

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    बिना किसी बाधा के नर्सिंग व पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया करें शुरू : हाई कोर्ट

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अस्पतालों में स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नर्सिंग और पैरा-मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बिना किसी बाधा के भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने आदेश दिया कि परिणाम घोषित होते ही आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी और दूसरे पद पर भर्ती का इंतजार किए बगैर नियुक्ति की जाएगी।

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    जनहित याचिका पर सुनवाई

    अदालत ने उक्त आदेश डाक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर 2017 में स्वतः संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर दिया।

    अदालत ने दिल्ली सरकार को ऑडियोमेट्रिक सहायक, व्यावसायिक चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट आदि के पदों के लिए रिक्तियों का विज्ञापन देने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने कोई कार्य नहीं चलने वाले 24 अर्ध-निर्मित अस्पताल परियोजनाओं पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।

    बुनियादी ढांचे की जांच

    दिल्ली सरकार के वकील ने दलील दी कि सरकार बदलने पर यह सुझाव दिया गया था कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए जो पूरे मामले और उपलब्ध बुनियादी ढांचे की जांच करे।

    अदालत ने निर्देश दिया कि समिति का शीघ्र गठन किया जाए और अगली सुनवाई की तारीख पर समय-सीमा के साथ एक उचित योजना उसके समक्ष प्रस्तुत की जाए।

    रिपोर्ट मिले दो माह बीते

    26 मई, 2025 को स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर कहा गया था कि इन सभी अस्पतालों के निर्माण के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए समीक्षा समिति का गठन किया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि उक्त स्थिति रिपोर्ट दाखिल किए हुए दो महीने से ज्यादा समय बीत चुका है।

    ऐसे में मामले में ताजा स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए पीठ ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को अगली तारीख पर व्यक्तिगत या वर्चुअली रूप से अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया।

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