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    मुंडका और पीरागढ़ी चौक में बदहाल सड़क से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 11:21 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने पीरागढ़ी से टिकरी बॉर्डर तक सड़क की हालत खराब होने पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। सेव इंडिया फाउंडेशन ने याचिका में कहा है कि सड़क की मरम्मत होने तक निवासियों को यूएआर-दो सड़क का उपयोग करने दिया जाए। याचिका में सड़कों पर गड्ढों और यातायात की समस्या का हवाला दिया गया है जिससे दुर्घटनाओं का खतरा है।

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    मुंडका व पीरागढ़ी चौक में बदहाल सड़क से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के पीरागढ़ी से टिकरी बार्डर और गांव कराला से मुंडका क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क की बदहाल स्थिति के खिलाफ जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाग मांगा है।

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    सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि क्षेत्र के निवासियों को अस्थायी रूप से तब क यूएआर-दो (यूएआर-टू) रोड के उपयोग की अनुमति दी जाए, जब तक कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या लोक निर्माण विभाग द्वारा संबंधित सड़क की मरम्मत पूरी नहीं कर दी जाती।

    सुनवाई के दौरन पीडब्ल्यूडी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने भी स्वीकार किया कि सड़क की स्थिति अत्यंत खराब है। याचिका में कहा गया कि सड़क की खस्ताहाल स्थिति के कारण क्षेत्रीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    सड़क पर हुए गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। याचिका में कहा गया कि सुरक्षित और सुगम यातायात सुविधा मिलना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। याचिका में दो सार्वजनिक सड़कों की गंभीर और जानलेवा स्थिति का जिक्र किया गया।

    याचिका में कहा गया कि कराला बस स्टैंड से मुंडका मेट्रो स्टेशन तक पहली सड़क 8.07 किलोमीटर लंबी है, जोकि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकार क्षेत्र में है। वहींं, पीरागढ़ी चौक से टिकरी बार्डर तक दूसरी सड़क 13.23 किलोमीटर लंबी है, जोकि एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग है।

    याचिका में कहा गया कि सड़कों की बदहाल स्थिति के कारण दुर्घटनाएं होती हैं और गंभीर ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। याचिका में यह भी कहा गया कि पहले प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उक्त मार्ग पर सात हजार से अधिक गड्ढे हैं और इसमें जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।