आईएसआई और डी-कंपनी से कनेक्शन की होगी जांच... दिल्ली लाया गया देश का सबसे बड़ा हथियार तस्कर सलीम पिस्टल
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कुख्यात हथियार सप्लायर सलीम पिस्टल को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया है। सलीम पर गैंगस्टरों को आधुनिक हथियार सप्लाई करने का आरोप है और उसके आईएसआई और दाऊद इब्राहिम से गहरे संबंध बताए जा रहे हैं। वह पहले वाहन चोर था और बाद में हथियार तस्कर बन गया। पुलिस उससे पूछताछ कर अन्य हथियार तस्करों के बारे में जानकारी जुटाएगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल देश के सबसे बड़े अवैध हथियार सप्लायर सलीम अहमद उर्फ सलीम पिस्टल को दिल्ली लेकर आ गई है। कुछ दिन पहले ही स्पेशल सेल ने सलीम पिस्टल को नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया था।
दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला सलीम भारत का एक बड़ा और नामी अवैध हथियार तस्कर है। गैंग्सटरों को आधुनिक और विदेशी हथियार सप्लाई करने की शुरुआत इसी ने की थी।
जबकि करीब पांच साल पहले दिल्ली पुलिस ने इसे 26 विदेशी पिस्टल और 800 कारतूस के साथ पकड़ा था, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद वह विदेश चला गया और वहीं से नेटवर्क चला रहा था। पुलिस उससे अब अन्य हथियार तस्करों के बारे में जानकारी जुटाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपित सलीम पाकिस्तान से जिगाना जैसे आधुनिक और खतरनाक पिस्टल की तस्करी करता था और बड़ी मुसीबत बन चुका था। तुर्की में बनने वाला यह पिस्टल इन दिनों भारत में गैंग्सटर्स की पहली पसंद है।
लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटर्स भी इस जिगाना का इस्तेमाल कर रहे हैं। एजेंसियों के मुताबिक सलीम के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से गहरे रिश्ते थे।
वह सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के एक आरोपित का गुरु भी माना जाता है। उसका नाम बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में भी सामने आ चुका है। उसने लारेंस बिश्नोई, हाशिम बाबा जैसे कुख्यात गैंग्सटरों को भी हथियार सप्लाई किए।
दिल्ली के सलीमपुर इलाके का रहने वाला शेख सलीम ने शुरुआत में एक वाहन चोर था। इसके बाद वह हथियारों की लूट और तस्करी में शामिल हो गया।
सलीम पिस्टल को नौ अगस्त को नेपाल से गिरफ्तार किया गया और अब उसे दिल्ली लाया गया है। बताया जा रहा है कि वह 2018 से पाकिस्तान से हथियारों और जिगाना पिस्टल की तस्करी कर रहा था। सलीम पिस्टल का असली नाम शेख सलीम है।
सूत्रों के मुताबिक, उसे राजधानी में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के दफ्तर में रखा गया है। पूछताछ में सबसे पहले आइएसआइ से उसके संपर्क को लेकर सवाल-जवाब किए जा सकते हैं। यह राज उगलवाने की कोशिश होगी कि किस तरह वह डी कंपनी में योगदान दे रहा था। भारत में कई सनसनीखेज हत्याओं में भी सलीम का नाम आ चुका है।
जानकारी के मुताबिक, सलीम ने आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और ड्राइवर का काम करने लगा। उसने वर्ष 2000 में जुर्म की दुनिया में कदम रखा, जब वो अपने साथी मुकेश गुप्ता उर्फ काका के साथ गाड़ियां चोरी करते पकड़ा गया।
साल 2011 में सलिम ने जाफराबाद में 20 लाख रुपये की एक बड़ी हथियारबंद लूट की थी। 2013 में उसे पुलिस ने पकड़ा और आइपीसी की धारा 395 और 397 के तहत केस दर्ज हुआ। वक्त के साथ वो अपराध की दुनिया में ऊपर चढ़ता गया और एक बड़ा हथियार तस्कर बन गया, जिसकी इंटरनेशनल लेवल पर भी पहचान बन गई।
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