Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान 2025 शुरू, इन समस्याओं पर फोकस; शहरवासियों को मिलेगी राहत

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 09:46 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने सर्दियों के लिए कार्य योजना 2025 शुरू कर दी है जिसमें प्रदूषण नियंत्रण पर ध्यान दिया जाएगा। पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में धूल नियंत्रण एंटी-स्मॉग गन और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने उठाए गए कदमों की समीक्षा की और ग्रीन वॉर रूम को मजबूत करने के निर्देश दिए।

    Hero Image
    दिल्ली सरकार ने सर्दियों के लिए कार्य योजना 2025 शुरू कर दी है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सर्दियों की शुरुआत को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शीतकालीन कार्य योजना 2025 पर काम करना शुरू कर दिया है। इस बार इस योजना में वायु प्रदूषण की रोकथाम के तकनीकी उपाय भी शामिल होंगे।

    इस शीतकालीन कार्य योजना पर चर्चा के लिए मंगलवार को पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें 30 संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

    बैठक में 17 प्रमुख कार्य बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिनमें सड़कों और खुले क्षेत्रों से धूल प्रदूषण को नियंत्रित करना, मिस्ट स्प्रेयर और वाटर स्प्रिंकलर लगाना, ऊँची इमारतों पर 174 एंटी-स्मॉग गन लगाना और प्रवर्तन तंत्र में सुधार करना शामिल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अधिकारियों ने अब तक उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की। जैसे 13 हॉटस्पॉट पर 219 मिस्ट स्प्रेइंग सिस्टम लगाना और नियमों के उल्लंघन पर 5.95 लाख प्रदूषण संबंधी चालान जारी करना, जो पिछले पाँच वर्षों में सबसे अधिक है। 10.86 लाख से अधिक वाहनों की जाँच की गई, जिनमें से 64,214 को वापस कर दिया गया।

    अनधिकृत पार्किंग के लिए 9.48 लाख से ज़्यादा चालान जारी किए गए। लगभग 1.28 लाख वाहन ज़ब्त किए गए या टो किए गए, जबकि 1.98 लाख चालान प्रतिबंध समय के उल्लंघन के लिए जारी किए गए।

    अतिरिक्त उपायों में चौकीदारों के लिए आरडब्ल्यूए को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराना, 1,925 उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्थानांतरित करना और बैकअप जनरेटर के उपयोग को कम करने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है।

    बैठक में ग्रीन वॉर रूम, शिकायत पंजीकरण प्रणाली और निवारण तंत्र को मज़बूत करने के निर्देश दिए गए। सड़कों की मरम्मत में तेज़ी लाने, निर्माण धूल नियंत्रण उपायों को लागू करने और सड़क किनारे हरित पट्टियों का विस्तार करने पर भी ज़ोर दिया गया।