दिल्ली में कृत्रिम वर्षा परीक्षण को DGCA की मंजूरी, IIT कानपुर की पहल दिलाएगी प्रदूषण से राहत
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने IIT कानपुर को दिल्ली में अक्टूबर-नवंबर में कृत्रिम वर्षा परीक्षण की अनुमति दी है। यह गतिविधि DGCA द्वारा जारी सख्त सुरक्षा दिशानिर्देशों के तहत होगी। IIT कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग सेसना 206-H विमान का उपयोग करेगा। परीक्षण बिना किसी पारिश्रमिक के और दृश्य उड़ान नियमों के तहत होंगे। मानसून के कारण पहले परीक्षण स्थगित कर दिए गए थे।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर को इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर के दौरान दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के परीक्षण करने की अनुमति दे दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह परीक्षण DGCA द्वारा जारी सख्त सुरक्षा, संरक्षा और हवाई यातायात दिशानिर्देशों के तहत किया जाएगा। विमान नियम, 1937 के नियम 26 (2) के तहत जारी यह अनुमोदन, IIT कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग को सेसना 206-H विमान का उपयोग करके यह गतिविधि करने की अनुमति देता है।
DGCA के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह गतिविधि बिना किसी पारिश्रमिक के, दृश्य उड़ान नियमों के तहत, और राज्य एवं स्थानीय अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही की जाएगी। ये परीक्षण 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक के लिए अधिकृत हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के परीक्षणों की तिथि
कई बार स्थगित की जा चुकी है। जुलाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की थी कि मानसून के आगमन के कारण परीक्षण में देरी हुई है।
परीक्षण अगस्त के अंत तक स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि बारिश की स्थिति अनुकूल नहीं थी और इससे वांछित परिणाम प्राप्त करने में बाधा आ सकती थी। मूल रूप से इसे 4 से 11 जुलाई के बीच आयोजित करने का प्रस्ताव था। अब इसे पुनर्निर्धारित किया गया है।
यह कार्य आईआईटी-कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के विशेषज्ञों के साथ समन्वय में, सेसना 206-एच विमान (वीटी-आईआईटी) का उपयोग करके किया जा रहा है।
कार्य के दौरान सभी सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। मानक संचालन प्रक्रियाओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी फोटोग्राफर को अनुमति नहीं दी जाएगी।

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