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    BMW Accident: आरोपित गगनप्रीत की हिरासत बढ़ी, वकील ने कहा-DTC बस और एंबुलेंस पर भी हो कार्रवाई

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 06:00 PM (IST)

    धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसे में अदालत ने सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। आरोपी महिला गगनप्रीत की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ाई गई। रविवार को हुए इस हादसे में एक बीएमडब्ल्यू ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी जिससे वित्त मंत्रालय के कर्मचारी नवजोत सिंह की मौत हो गई और उनकी पत्नी घायल हो गईं।

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    आरोपित महिला गगनप्रीत की न्यायिक हिरासत भी 27 सितंबर तक बढ़ा दी है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। धौला कुआं बीएमडब्ल्यू हादसा मामले में बुधवार को अदालत ने सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का नोटिस जारी करने के साथ ही आरोपित महिला गगनप्रीत की न्यायिक हिरासत भी 27 सितंबर तक बढ़ा दी है। इससे पहले गगनप्रीत कौर को अरेस्ट कर तिहाड़ जेल में दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इस बीच आरोपी के वकील ने कहा कि घटनास्थल पर मौजूद रही बस को जब्त करने के साथ ही वहां बाद में आई एक वैन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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    दोनों परिवार इस हादसे से दुखी

    याचिका 38 वर्षीय आरोपी गगनप्रीत कौर के वकील द्वारा दायर की गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि घटनास्थल के सीसीटीवी साक्ष्य को सुरक्षित किया जाए। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित किया है। कोर्ट के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता आरोपी की ओर से पेश हुए। 

    मामले की न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग सुनवाई कर रहे थे। वकील रमेश गुप्ता ने तर्क दिया कि इस मामले को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत दर्ज किया गया, जो पूर्ववर्ती भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 के समकक्ष है।

    उन्होंने बताया कि धारा 304 के पहले भाग में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि दूसरे भाग में ऐसी सजा नहीं है। गुप्ता ने कहा, 'एफआईआर मेरी मुवक्किल की गिरफ्तारी के 10 घंटे बाद दर्ज की गई। पुलिस का दावा है कि घायलों को दूर के अस्पताल ले जाने के कारण धारा 304 लागू की गई। दोनों परिवार इस हादसे से दुखी हैं।'

    जांच की पारदर्शिता पर सवाल

    उन्होंने यह भी बताया कि मृतक दंपती के दो बच्चे (5 और 7 वर्ष) और कौर के पति भी इस हादसे में घायल हुए थे। गुप्ता ने मांग की कि संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को गवाह बनाया जाए, क्योंकि उन्होंने सबसे पहले दो गवाहों से हादसे का विवरण सुना था।

    गुप्ता ने दावा किया कि हादसे में कार ने एक बस को भी टक्कर मारी थी, जिसे जांच के लिए जब्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “घटनास्थल पर एक एम्बुलेंस रुकी थी, लेकिन उसने घायलों को ले जाने से इनकार कर दिया। क्या यह डीसीपी का कर्तव्य नहीं है कि इसकी पुष्टि करें कि मेडिकल वैन रुकी थी या नहीं?”

    उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच अधिकारी की केस डायरी में पेज नंबर नहीं हैं, जो जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

    पति ने पुलिस को दिया बयान

    इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आरोपी गगनप्रीत कौर के पति परिक्षित कक्कड़ से पूछताछ की। परिक्षित ने पुलिस को बताया कि वह समझ नहीं पाए कि दुर्घटना कैसे हुई। परिक्षित के अनुसार, गगनप्रीत ने कहा कि वह पीड़ित को अस्पताल ले जा रही थी।

    इसके बाद उन्होंने अपने ससुर को बताया कि उन्हें इलाज की जरूरत है। परिक्षित ने बताया कि इसके बाद वह एक टैक्सी लेकर अस्पताल के लिए रवाना हो गए। पुलिस अब इस बयान और अन्य साक्ष्यों की पुष्टि करेगी ताकि घटनाओं के क्रम को सत्यापित किया जा सके।

    20 किमी दूर का अस्पताल ही क्यों?

    बता दें कि आरोपी गगनप्रीत ने दावा किया कि वह घबरा गई थीं और पीड़ितों को जीटीबी नगर अस्पताल ले गईं, जो 20 किलोमीटर दूर है, क्योंकि कोविड-19 के दौरान उनके बच्चों का वहां इलाज हुआ था।

    गगनप्रीत पर भारतीय न्याय संहिता के तहत गैर-इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ के आरोप हैं। इस बीच नवजोत के परिवार ने सवाल उठाया कि पीड़ितों को नजदीकी अस्पताल जैसे आरआर अस्पताल या आरएमएल अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया।

    क्या धौला कुंआ बीएमडब्ल्यू हादसा?

    बता दें कि यह हादसा रविवार को हुआ था। इसमें एक बीएमडब्ल्यू कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसके कारण मोटरसाइकिल एक बस से जा टकराई थी। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के कर्मचारी नवजोत सिंह की मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी को कई फ्रैक्चर और सिर में चोटें आईं हैं।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली कैंट और आसपास कई अस्पताल होने के बाद भी घायलों को 20 KM दूर लेकर क्यों गई गगनप्रीत? पता लगा रही पुलिस

    (एजेंसी के इनपुट के साथ)