Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली DSGMC चुनाव को लेकर सिख नेताओं में घमासान, हाईकोर्ट ने बताया कब होंगे चुनाव?

    By Santosh Kumar Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 21 May 2025 09:14 PM (IST)

    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चुनाव को लेकर क़ानूनी लड़ाई जारी है। सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि फोटोयुक्त मतदाता सूची बनेगी और अगले साल जनवरी में चुनाव होंगे। हरमीत सिंह कालका और मंजीत सिंह जीके आमने-सामने हैं दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कालका ने कहा कि जीके लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

    Hero Image
    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चुनाव को लेकर क़ानूनी लड़ाई जारी है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चुनाव को लेकर कानूनी लड़ाई के साथ-साथ नेताओं के बीच जुबानी जंग भी चल रही है। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि फोटोयुक्त नई मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगले साल जनवरी में कमेटी का चुनाव होगा। इस बीच, इसे लेकर डीएसजीएमसी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके आमने-सामने हैं।

    जीके ने नई मतदाता सूची तैयार करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। वह इसके आदेश और सरकार के जवाब को अपनी जीत बता रहे हैं।

    उनका कहना है कि कालका और उनके साथी चुनाव रोकने की कोशिश कर रहे थे। मतदाता सूची वर्ष 1983 में तैयार की गई थी। उसके बाद नई मतदाता सूची तैयार नहीं की गई है। इस कारण उन्हें कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी।

    उन्होंने आरोप लगाया कि जनवरी 2022 में होने वाले कार्यकारिणी चुनाव में धांधली हुई है। दो साल बाद भी चुनाव नहीं हुए। नियमानुसार डीएसजीएमसी का आम चुनाव हर चार साल बाद और कार्यकारिणी का चुनाव दो साल बाद होना चाहिए। आम चुनाव में संबंधित डीएसजीएमसी के सदस्य चुने जाते हैं। कार्यकारिणी चुनाव में सदस्य पदाधिकारियों का चुनाव करते हैं।

    कालका ने पलटवार करते हुए जीके पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नई मतदाता सूची तैयार कर समय पर चुनाव कराने के फैसले का वे स्वागत करते हैं। सितंबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित मतदाता सूची की जगह नई मतदाता सूची तैयार कर चुनाव कराने को कहा था, लेकिन जीके ने इसका विरोध किया था। इस कमेटी को 30 सदस्यों ने बहुमत से चुना है।

    चार विपक्षी दलों के पास मात्र 21 सदस्य थे। कार्यकारिणी चुनाव न कराने पर उनका कहना है कि जीके के सहयोगी सरना बंधुओं (परमजीत सिंह सरना और हरविंदर सिंह सरना) द्वारा कोर्ट में याचिका दायर करने के कारण इसमें देरी हो रही है। वे याचिका वापस ले लें तो 24 घंटे के भीतर कार्यकारिणी चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी।