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    DUSU Chunav: डीयू चुनाव में इस बार होगा कुछ उलटफेर? ये दो छात्र संगठन साथ लड़ेंगे चुनाव

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 06:39 PM (IST)

    Delhi University Student Union दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में एसएफआई और आइसा गठबंधन कर रहे हैं। दोनों संगठन अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव और संयुक्त सचिव पदों पर चुनाव लड़ेंगे। उनका लक्ष्य है सस्ती और अच्छी शिक्षा के लिए संघर्ष करना। वे विश्वविद्यालयों पर हो रहे हमलों और फीस वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाएंगे। गठबंधन ने छात्रों के लिए महापंचायत का भी एलान किया है जिसमें कई महत्वपूर्ण मांगें रखी जाएंगी।

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    डूसू में आइसा और एसएफआई आए साथ, दो-दो पदों पर लड़ेंगे चुनाव।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव मैदान में वाम छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) और आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) का गठबंधन एक साथ उतरेगा। आइसा अध्यक्ष व संयुक्त सचिव और एसएफआइ उपाध्यक्ष और सचिव पद पर चुनाव लड़ेंगे।

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    पिछले साल भी दोनों संगठनों ने एक साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई सीट जीत नहीं सके थे। हालांकि, सचिव पद की प्रत्याशी अच्छे वोट हासिल करने में सफल रहीं थीं। शेष प्रत्याशी कुछ कमाल नहीं कर सके थे। अब एक बार फिर दोनों संगठनों ने हाथ मिलाया है।

    एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान एसएफआइ दिल्ली सचिव आइशी घोष ने कहा कि “दोनों संगठनों ने हमेशा डीयू छात्र राजनीति में धन और बाहुबल के वर्चस्व के खिलाफ मोर्चा खोला है। पिछले साल गठबंधन पैनल को करीब 9,000 वोट मिले थे।

    इस बार भी हम सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संघर्ष के मंच पर चुनाव लड़ेंगे। आइसा डीयू अध्यक्ष सावी गुप्ता ने कहा कि “यह गठबंधन उस समय आया है जब विश्वविद्यालयों पर चारों ओर से हमला हो रहा है।

    एफवाईयूपी ने शिक्षा की गुणवत्ता और सामग्री को कमजोर कर दिया है। हर कोर्स और कालेज में बेतहाशा फीस बढ़ाई जा रही है। हालिया मेट्रो किराया वृद्धि छात्रों पर सबसे ज्यादा बोझ डालने वाली है। इस पृष्ठभूमि में हम इस चुनाव को किफायती और क्वालिटी की लड़ाई में बदलेंगे।

    वाम संगठनों ने आज तक नहीं मिली डूसू में जीत

    1954 से डूसू चुनाव हो रहे हैं। आज तक वाम संगठनों को यहां जीत नहीं मिल सकी है। उनके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाती है। हालांकि, इस बार प्रिंटेड पोस्टर, बैनर पर सख्त पाबंदी है।

    प्रचार के लिए छात्रों को मैदान में अधिक मेहतन करनी होगी। ऐसे में वाम संगठनों को उम्मीद है कि अच्छा कैंपेन उन्हें चुनाव में मदद कर सकता है।

    वह इस ओर ही ध्यान लगा रहे हैं। इसलिए एक साथ आए हैं। क्योंकि जेएनयू छात्र संघ चुनाव में आइसा और एसएफआइ ने अलग-अलग प्रत्याशी उतारे थे।

    डीयू महापंचायत की घोषणा

    गठबंधन ने दो सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय महापंचायत बुलाने का एलान किया है। इसमें छात्रों के लिए छह प्रमुख मांगें रखी जाएंगी। इनमें सेक और वेक कोर्सेज खत्म किए जाने, आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली वापस लेने, फीस वृद्धि पर रोक लगाने, छात्रों को रियायती मेट्रो पास उपलब्ध कराने, हर कालेज में आंतरिक शिकायत समिति और सभी छात्रों को हास्टल की सुविधा देने की मांग की जाएगी।