इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइंस के हिसाब से द्वारका में नए डिजाइन का होगा फुटपाथ, उपयोग होगा सुरक्षित और आसान
पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथों को फिर से डिज़ाइन किया जाएगा ताकि वे अधिक सुविधाजनक हो सकें। इंडियन रोड कांग्रेस के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा जिसके तहत फुटपाथ की ऊंचाई और चौड़ाई निर्धारित की जाएगी। फुटपाथों को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा। इस परियोजना पर अनुमानित लागत 35.24 करोड़ रुपये है और टेंडर जारी कर दिया गया है।

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। समय के साथ उपनगरी द्वारका की पुरानी पड़ने लगी फुटपाथ को पैदल यात्रियों के और अनुकूल बनाने के लिए इसे नए तरीके से बनाया जाएगा। पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ कैसे अधिक से अधिक अनुकूल बने, यह सुनिश्चित करने के लिए फुटपाथ की रिडिजाइनिंग के समय इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। इस पूरी कवायद पर करीब 35.24 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। इस काम का टेंडर जारी कर दिया गया है।
क्यों पड़ी रिडिजाइन की जरुरत
उपनगरी में अभी कई जगह फुटपाथ की ऊंचाई सड़क से इतनी अधिक है कि आप बिना किसी सहारे के इसपर चढ़ नहीं सकते। यदि चढ़ गए तो फिर यही समस्या आपको उतरने के दौरान भी होगी। लोगों ने इसका उपाय निकाला और जगह जगह फुटपाथ पर चढ़ने या इससे उतरने के लिए कुछ इंटें या कर्व स्टोन रख दी। ऐसी जगहों के आसपास रहने वाले लोग तो इन ईंटों पर चढ़कर फुटपाथ का इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन जिन्हें इनका पता नहीं है, वे फुटपाथ का चाहकर भी इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
समस्या से महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को विशेष तौर पर दिक्कत होती है। दूसरा प्रमुख कारण आए दिन उपनगरी में कहीं न कहीं फुटपाथ के स्लैब के अचानक ढहने की घटनाओं का सामने आना है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए डीडीए ने फुटपाथ को रिडिजाइन करना जरुरी समझा।
क्या कहती है इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइंस
ऊंचाई :
- फुटपाथ की ऊंचाई सड़क (कैरिजवे) से अधिकतम 150 मिमी (15 सेमी) होनी चाहिए। इससे पैदल यात्रियों को सड़क पर उतरना आसान होता है और दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है।
- कर्ब (फुटपाथ का किनारा) की ऊंचाई भी 150 मिमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे वाहनों के लिए भी सुरक्षित रैंप प्रदान किया जा सकता है।
- ऊंचाई का उद्देश्य जल निकासी सुनिश्चित करना और पानी जमा न होने देना है।
चौड़ाई :
- न्यूनतम चौड़ाई 1.8 मीटर होनी चाहिए (रिहायशी इलाकों में), ताकि दो व्हीलचेयर एक-दूसरे को पार कर सकें।
- व्यावसायिक क्षेत्रों में यह 2.5 मीटर या अधिक होनी चाहिए।
- सड़क की कुल चौड़ाई 10 मीटर से कम होने पर भी कम से कम 1.5 मीटर चौड़ाई स्वीकार्य है।
फुटपाथ को तीन जोनों में बांटा गया है
- फ्रंटेज जोन: संपत्ति की दीवार के पास, 0.5-1 मीटर।
- वाकिंग जोन : मुख्य चलने का क्षेत्र, न्यूनतम 2 मीटर (साफ और बाधारहित)।
- मल्टी-फंक्शनल जोन: वेंडर्स, बेंच या बस स्टाप के लिए, लेकिन पैदल यात्रियों को बाधित न करे।
डिजाइन और सामग्री :
- फुटपाथ की सतह सपाट (फ्लैट) होनी चाहिए, ताकि पानी जमा न हो। क्रैक्स या उबड़-खाबड़ सतह न हो। सामग्री कंक्रीट, पेवर ब्लाक्स या स्टोन हो सकती है, लेकिन यह टिकाऊ और गैर-फिसलन वाली हो।
- फुटपाथ पर ड्रेनेज चैनल या ग्रेट्स लगाए जाएं, ताकि वर्षा का पानी सड़क पर बह जाए।
- दृष्टिबाधित लोगों के लिए गाइड टाइल्स (टैक्टाइल पेविंग) लगाए जाएं। संपत्ति के प्रवेश द्वार पर चेतावनी टाइल्स हों।
- फुटपाथ पर पेड़, खंभे, बोर्ड या कचरा बिन न हों। ऊपर की ऊंचाई (क्लियर हाइट) कम से कम2.2-2.4 मीटर हो, ताकि पेड़ की डालियाँ या साइनबोर्ड न टकराएं।
- फुटपाथ संपत्ति के प्रवेश तक लगातार हो। इंटरसेक्शन पर फुटपाथ की ऊंचाई पर ही क्रासिंग होने चाहिए।
- बोलार्ड्स लगाकर वाहनों को फुटपाथ पर चढ़ने से रोका जाए। हाकर जोन अलग रखें, लेकिन पैदल क्षेत्र को प्रभावित न करें।
- फुटपाथ पर हरित पट्टी (ग्रीन स्ट्रिप) या बेंच जोड़ सकते हैं। व्यस्त इलाकों में चौड़ाई बढ़ाएं।
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