गणेश चतुर्थी पर मना रहे इको-फ्रेंडली उत्सव, फलों से की गई सजावट, आस्था संग प्रकृति से जुड़ने का संदेश
नई दिल्ली में ज्योतिषी एवं प्रेरक वक्ता डॉ. जय मदान के निवास पर गणेश चतुर्थी का उत्सव शुरू हुआ। तीन दिवसीय कार्यक्रम में गणेश स्थापना और पूजा हुई। इस वर्ष पर्यावरण के अनुकूल उत्सव मनाया जा रहा है जिसमें नदी विसर्जन को हतोत्साहित किया गया है। इको-फ्रेंडली डेकोरेशन में फल और सब्जियों का उपयोग किया गया है जो विसर्जन के बाद जरूरतमंद बच्चों में बांटे जाएंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी की शुरुआत आज ज्योतिषी एवं प्रेरक वक्ता डॉ. जय मदान के जोर बाग स्थित निवास पर हुई, जहां तीन दिन का यह उत्सव भावपूर्ण और सामुदायिक सहभागिता के साथ मनाया जा रहा है। गणेश स्थापना और पूजा से शुरू हुए इस कार्यक्रम में मीडिया प्रोफेशनल्स, सांस्कृतिक कहानीकार और श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
पूजा के साथ अभियान भी
इस वर्ष के उत्सव का मुख्य संदेश पर्यावरण से जुड़ने का है। डॉ. जय मदान ने पारंपरिक नदी विसर्जन को हतोत्साहित किया है क्योंकि प्लास्टर, रंग और केमिकल्स से नदियाँ प्रदूषित होती हैं। उनकी इस मुहिम के जरिए भक्तों को प्रेरित किया गया कि घर पर या निर्धारित स्थानों पर प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से विसर्जन करें। साथ ही, पेड़ लगाना, होम गार्डन बनाना और इको-फ्रेंडली आदतों को अपनाना भी इस अभियान का हिस्सा है।
इको-फ्रेंडली डेकोरेशन से सबका मन मोहा
इस बार का सबसे बड़ा आकर्षण है इको-फ्रेंडली डेकोर, जो पूरी तरह फल और सब्जी से बनाया गया है। नारियल के छिलके, मक्का, केले, कद्दू, लौकी से लेकर ड्रैगन फ्रूट और अन्य नैचुरल प्रोड्यूस का उपयोग किया गया है। यह डेकोर केवल सुंदरता के लिए नहीं बल्कि 29 अगस्त को गणेश विसर्जन के बाद यही डेकोर फ्रूट सलाद में बदल जाएगा, जिसे सड़क पर रहने वाले बच्चों और जरूरतमंदों में बांटा जाएगा। इस प्रकार पूजा समाज को लौटाने का माध्यम भी बन जाती है।
आध्यात्मिक वातावरण में जुड़ी आत्मीयता
इस अवसर पर डॉ. जय मदान ने कहा, “हर फल और हर सब्जी यह संदेश देती है कि भक्ति और प्रकृति साथ-साथ चल सकते हैं। जब परंपराओं को नए ढंग से मनाया जाए तो उनका सौंदर्य और बढ़ जाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “भगवान गणेश का असली आशीर्वाद बाँटने में है। इसलिए विसर्जन के बाद यह डेकोर फ्रूट सलाद बनकर बच्चों को पोषण और खुशी दोनों देगी।”
सभी अतिथियों को सिद्धि आर्ट्स की ओर से उपहार भी प्रदान किए गए, जिससे इस आध्यात्मिक वातावरण में और आत्मीयता जुड़ गई।
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