दिल्ली में फूड डिलीवरी ऐप से धोखेबाज महिला गिरफ्तार, ऐसे खुली पोल; पांच वर्षों से फरार चल रही थी आरोपित
पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में पांच साल से फरार चल रही सुमन नाम की महिला को फूड डिलीवरी ऐप के जरिए गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने फर्जी कागजात से एक ही प्लॉट को तीन लोगों को बेचा था। सुमन ने पुलिस को बताया कि पति की मौत के बाद बेटियों की जिम्मेदारी के कारण उसने ऐसा किया।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका जिला पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा चल रही महिला आरोपित को फूड डिलीवरी एप के जरिए गिरफ्तार किया है। आरोपित महिला का नाम सुमन है। महिला पिछले पांच साल से इस मामले में गिरफ्तारी से बच रही थी। पुलिस ने इसे मोहन गार्डन इलाके से गिरफ्तार किया है।
महिला पर आरोप है कि वह फर्जी कागजात के जरिए एक ही प्लाट को तीन लोगों को बेच चुकी है। पूछताछ में आरोपित ने पुलिस को बताया कि पति की मौत के बाद चार बेटियों की जिम्मेदारी आने की वजह से उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि जिले के सभी युनिट को भगोड़ा और घोषित बदमाशों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए थे। सेंधमारी निरोधक दस्ते के प्रभारी इंस्पेक्टर विवेक मंडोला के नेतृत्व में पुलिस टीम ने फरवरी माह में धोखाधड़ी में भगोड़ा महिला सुमन की तलाश शुरू की। जांच में पता चला कि उसके खिलाफ नजफगढ़ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।
उसपर आरोप है कि उसने एक ही प्रापर्टी को तीन लोगों को बेचकर ठगी की है। वह पिछले पांच साल से इस मामले में गिरफ्तारी से बच रही थी। फरवरी 2024 को द्वारका अदालत ने उसे भगोड़ा करार दिया था। पुलिस के पास आरोपित महिला के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
पुलिस ने महिला के आधार कार्ड का विवरण लेने के बाद उसे सहायक एप के माध्यम से चलाया। जिससे पता चला कि सुमन के आधार कार्ड पर एक नया मोबाइल नंबर जारी किया गया है। टीम ने मोबाइल नंबर की लोकेशन ली, लेकिन लगातार प्रयासों के बाद भी उसका पता नहीं चल सका। इसके बाद पुलिस ने सीडीआर का विश्लेषण किया और पाया कि उक्त मोबाइल नंबर पर एक डिलीवरी ऐप से कई संदेश आए हैं।
पुलिस टीम ने डिलीवरी एप कंपनी से उनकी सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक का रहने के स्थान के बारे में पता लगाया। उसके बाद पुलिस ने महिला के नए पते लक्ष्मी विहार मोहन गार्डन में छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके आधार कार्ड से भी उसकी पहचान की पुष्टि हुई।
पूछताछ में सुमन ने बताया कि उसके पति की लंबी बीमारी के कारण बहुत पहले मृत्यु हो गई। जिसके बाद उसकी चार बेटियों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई। शुरुआत में उसने कुछ मामूली काम किया, लेकिन वह उसके परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पर्याप्त नहीं था।
2018 में उसने अपने प्लाट कुलवंत सिंह को और बाद में योगेश कुमार और दीपक गहलोत को संयुक्त रूप से बेच दिया। उसने दस्तावेजों में जालसाजी करने से इनकार किया है। उसने बताया कि अपनी चार बेटियों की जिम्मेदारी आगे बढ़ाने के लिए उसने वारदात को अंजाम दिया।
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