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    दिल्ली के खेतों की ओर अवैध तरीके से छोड़ा जा रहा हरियाणा का पानी, फसल हो रही तबाह

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 12:39 PM (IST)

    पश्चिमी दिल्ली के ढांसा गांव में हरियाणा से छोड़े जा रहे अवैध पानी के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। लगभग 500 एकड़ खेत जलमग्न हैं। हरियाणा के दरियापुर गांव से पानी दिल्ली की ओर मोड़ा जा रहा है साथ ही सीवरेज शोधन संयंत्र से गंदा पानी भी खेतों में छोड़ा जा रहा है। किसान नहरों की सफाई और पक्का करने की मांग कर रहे हैं।

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    कैर गांव के खेत में जमा पानी। फोटो सौ: सुधी पाठक

    गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। हरियाणा से सटे ढांसा गांव के किसान सुखबीर डागर इन दिनों काफी दुखी हैं। करीब 12 एकड़ खेत में इन्होंने अबकि बार धान की खेती की। काफी उम्मीद थी। फसल अच्छी होगी, इसके पूरे आसार थे। लेकिन अब इनके अरमानों पर पानी फिर चुका है। सारी फसल तबाह हो चुकी है। पूरा खेत जलमग्न है।

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    सुखबीर की तरह ही ढांसा के कई किसान जलभराव की समस्या से त्रस्त हैं। करीब 500 एकड़ खेत हरियाणा से आने वाले पानी के बहाव की जद में है। हरियाणा से आखिर पानी क्यों आ रहा है। गांव के किसान बताते हैं कि हरियाणा के झज्जर जिला के बादली तहसील में एक गांव है दरियापुर।

    दरियापुर गांव में जलभराव नहीं हो, इसके लिए वहां के लोगों ने एक सड़क के बीचोंबीच पाइप डालकर वहां के खेतों में जमा पानी का निकास दिल्ली की ओर कर दिया है। जमीन की ढाल दिल्ली की ओर है तो पानी आसानी से ढांसा के खेतों में पहुंच जाता है।

    अब आज फिर एक बार झाड़ौदा का रुख करते हैं। ढांसा में भी झाड़ौदा की तरह समस्या है। झाड़ौदा गांव में पानी कहां से आता है। यह पूछने पर झाड़ौदा गांव के किसान हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित सीवरेज शोधन संयंत्र का जिक्र करते हैं।

    किसानों का कहना है कि सीवरेज शोधन संयंत्र का गंदा पानी दिल्ली के खेतों में छोड़ दिया जाता है। यह काम सीधा नहीं होकर चोरी छिपे किया जाता है। संयंत्र का गंदा पानी वे चुपचाप दिल्ली की ओर छोड़ देते हैं। यह पानी इतना गंदा होता है कि आपकी फसल तो फसल मिट्टी तक को खराब कर देती है। पिछले दो से तीन वर्षो से यह समस्या अतिगंभीर रूप ले चुकी है।

    किसानों का कहना है कि आप सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण वालों से यदि इस बात की शिकायत करते हैं तो वे केवल और केवल नाले की बात करेंगे। उन्हें इस बात से कोई लेनादेना नहीं है कि दिल्ली के खेतों में हरियाणा से पानी छोड़ जा रहा है तो उसकी रोकथाम के प्रति उनकी भी कुछ जिम्मेदारी है।

    नहर भी हैं लबालब

    समस्या का एक और प्रमुख कारण है। हरियाणा से सटे गांव की सीमा से कुछ नहरें गुजरती हैं। इन नहरों की देखभाल का दायित्व हरियाणा सरकार के जिम्मे है। जब ये नहरें पानी से लबालब हो जाती हैं तो इसका पानी रिसकर आसपास की खेतों को तर कर देता है।

    भूजल स्तर बढ़ा देता है।आसपास की जमीन का भूजलस्तर इस कदर बढ़ा होता है कि इसमें वर्षा का पानी लंबे समय से तक कायम रहता है।किसानों का कहना है कि इस स्थिति से निजात के लिए या तो नहरों की सफाई समय समय पर हो।

    इससे पानी के स्तर को ऊपर आने से रोका जा सकता है। दूसरा विकल्प इन नहरों को पक्का करने का है। लेकिन कोई भी तभी बनेगी, जब हरियाणा व दिल्ली की सरकारें आपस में बैठकर बात करेगी। किसानों की समस्याओं को समझेगी।

    जिन किसानों के खेत में पानी भरा है, सरकार को चाहिए कि वहां अविलंब सर्वे हो, जितनी फसल हो नुकसान पहुंचा है, उसके एवज में किसान को मुआवजा दे।

    सुखबीर डागर, ढांसा

    सरकार यदि खेतीबाड़ी को बढ़ावा देना चाहती है तो उसे किसानों का दुखदर्द भी समझना होगा। लेकिन अभी जो स्थिति है, उसमें केवल बातें होती है। काम नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

    मुकेश, कैर

    हरियाणा से सटे नजफगढ क्षेत्र के गांवों में जलभराव की समस्या के पीछे केवल हरियाणा की लापरवाही है। जिस काम को दिल्ली व हरियाणा के सिंचाई विभाग आपस में मिलबैठकर सुलझा सकते थे, आज उसके लिए किसानों को मांग करनी पड़ रही है।

    दरियाव सिंह, झाड़ौदा

    आखिर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का मानिटरिंग सिस्टम क्या है। उसे क्यों नहीं दिल्ली के गांवों में जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी है। इस स्थिति के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

    दीवान सिंह, झाड़ौदा

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