AAI के चेयरमैन और दिल्ली पुलिस को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, मिटाए गए थे दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई मौत के सबूत
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आईजीआई एयरपोर्ट पर कामगार की मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी और पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार कामगार की ऊंचाई से गिरने से मौत हो गई थी और घटनास्थल पर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी। आयोग ने मुआवजे की स्थिति पर भी जानकारी मांगी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आईजीआई एयरपोर्ट पर कामगार की मौत एवं घटनास्थल से सबूत मिटाने की कोशिश से जुड़े मामले में प्रकाशित खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है।
आयोग ने इस पूरे प्रकरण में एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन व आईजीआई जिला पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी किया है। दोनों को दो सप्ताह के भीतर आयोग के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है।
आयोग ने इस मामले को गंभीर बताते हुए रिपोर्ट में मृतक कामगार के निकटतम स्वजन को दिए गए मुआवजे की स्थिति से अवगत कराने को कहा है।
यह घंटना 24 सितंबर की बताई जा रही है। एयर साइड की इस घटना के बारे में खबर में बताया गया था कि जिस कामगार की मौत हुई है, उनका नाम सुखदेव है। सुखदेव 10 फीट की ऊंचाई से गिरे थे।
सुखदेव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले थे। काॅलर व अस्पताल से मिली जानकारी के आधार पर टर्मिनल 3 के एप्रन एरिया में पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो पाया कि लोहे के मचान के बीच खून के धब्बे हैं।
पुलिस ने पाया कि इन धब्बों को धोने की कोशिश की गई है। आसपास पानी के कारण जमीन गीला था। स्पष्ट था कि आरोपित पक्ष को जब लगा कि मामला लापरवाही से जुड़ा है तो उसने सबूत तक मिटाने के प्रयास किए।
आईजीआई थाना पुलिस ने पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद न सिर्फ लापरवाही से मौत बल्कि सबूत मिटाने की धारा में भी प्राथमिकी दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी।
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। उधर, आईजीआई एयरपोर्ट प्रबंधन एजेंसी डायल का कहना है कि निर्माण ठेकेदार (तृतीय पक्ष) द्वारा किया जा रहा था। डायल ने यह भी कहा कि जिस कामगार की मौत हुई है, वे सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे थे।
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