नेपाल से लौटे भारतीयों ने बयां की खौफ भरी दास्तां, बताया- काठमांडू एयरपोर्ट से भाग चुके थे सुरक्षाकर्मी
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के चलते काठमांडू से भारतीयों का स्वदेश लौटना जारी है। आईजीआई एयरपोर्ट पर शुक्रवार को नौ उड़ानें उतरीं। यात्रियों ने बताया कि 9 सितंबर को स्थिति बिगड़ने पर एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी भी भाग गए थे। होटलों में जगह नहीं मिल रही थी। सेना के आने के बाद हालात सुधरे हैं लेकिन दुकानें अभी भी कम खुली हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नेपाल में राजनीतिक अशांति के बीच काठमांडू व आसपास के इलाके में फंसे भारतीयों का लौटना जारी है। शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम सात बजे के बीच एक के बाद एक नौ उड़ानें आइजीआई एयरपोर्ट पर उतरीं।
लैंडिंग के बाद यात्री जब एयरपोर्ट से बाहर निकल रहे थे, तब उनके चेहरे पर अशांत इलाके से सुरक्षित क्षेत्र में वापसी का भाव साफ साफ झलक रहा था। लोगों ने कहा कि अभी नेपाल के जैसे हालात हैं, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वहां स्थिति सामान्य होने में कई दिन लगेंगे।
शुक्रवार को सबसे पहले एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 2232 की लैंडिंग हुई। इसके करीब तीन घंटे बाद एअर इंडिया का एक और विमान काठमांडू से पहुंचा। इसके बाद इंडिगो, स्पासइजेट, रायल एयरलाइंस की उड़ानें पहुंची। विमानों से उतरने वालों में न केवल भारतीय बल्कि कई नेपाली व विदेशी नागरिक भी थे।
एयरपोर्ट से भाग खड़े हुए सुरक्षाकर्मी
शुक्रवार को एयरपोर्ट पर पहुंचे कुछ यात्रियों ने बताया कि उनकी वापसी की टिकट नौ सितंबर की थी। लेकिन नौ तारीख को स्थिति तेजी से बदली। हर जगह विरोध होना शुरू हो गया। आगजनी हो रही थी। किसी तरह एयरपोर्ट के लिए वे लोग निकले।
लेकिन काठमांडू एयरपोर्ट पहुंचने पर हालात वहां और खराब नजर आए। इसे इसी बात से समझें कि एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी भी वहां से भाग गए थे। वहां एयरपोर्ट टर्मिनल पर एसी बंद था।
खाने के स्टाल बंद थे। अंत में लोगों को वापस लौटना पड़ा। वापसी में होटल तक आना बेहद तनावपूर्ण रहा। शुक्रवार को हालात पहले से काफी बेहतर रहे।
एयरपोर्ट पर सैनिकों को तैनात किया गया है, जो सुरक्षा का पूरा इंतजाम देख रहे हैं। सड़कों पर भी सुरक्षाकर्मी नजर आ रहे हैं, जिससे लोगों को अब पहले से अधिक सुरक्षित महसूस हो रहा है।
होटल तक में नहीं मिल रही थी जगह
लोगों ने कहा कि तीन दिन पहले जो यात्री होटल से चेकआउट कर एयरपोर्ट पहुंचे, उन्हें एयरपोर्ट पर प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। किसी तरह एयरपोर्ट पर दाखिल होने पर भी कोई सुविधा नहीं मिल रही थी। सुरक्षाकर्मी खुद वहां से भागते दिखे।
परेशानी यह थी कि लोग होटल भी छोड़ चुके थे। एयरपोर्ट पर रहना सुरक्षित नहीं था। ऐसे में स्थानीय लोगों से पूछ पूछकर होटल की तलाश शुरू की। लेकिन कोई भी होटल खुला नहीं था।
जो होटल खुले थे, वे नए लोगों की बुकिंग नहीं ले रहे थे। काफी आग्रह के बाद मानवीय आधार पर होटल में लोगों को जगह मिल रही थी।
जब से सेना ने काठमांडू में मोर्चा संभाला है, तब से हालात तेजी से बदल रहे हैं। हालांकि दुकानें अभी भी काठमांडू में बहुत ही हम संख्या में खुले हैं।
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