सावधान! बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, इन दक्षिणी राज्यों से जुड़े हैं तार
दिल्ली पुलिस ने नवजात शिशुओं की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसके तार दक्षिणी राज्यों से जुड़े हैं। शुरुआती जांच में हैदराबाद और चेन्नई में निःसंतान दंपतियों को बच्चे बेचने का खुलासा हुआ है। गिरोह का सरगना मेडिकल रिप्रेज़ेंटेटिव बनकर डॉक्टरों से संपर्क साधता था और फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनवाता था।

अमित भाटिया, नई दिल्ली। नवजात शिशुओं और शिशुओं की तस्करी में शामिल गिरोह के तार दक्षिणी राज्यों से भी जुड़े हैं। शुरुआती जाँच में पुलिस को पता चला है कि गिरोह ने हैदराबाद और चेन्नई में निःसंतान दम्पतियों को भी बच्चे बेचे हैं। हालाँकि, पुलिस अभी इस बारे में ज़्यादा कुछ कहने से बच रही है।
पुलिस के अनुसार, गिरोह का सरगना सुंदर मेडिकल रिप्रेज़ेंटेटिव (MR) बनकर अक्सर उत्तर प्रदेश के आगरा और फतेहाबाद के आसपास के छोटे शहरों में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों से मिलता था। इस तरह उसने कई जगहों पर अपना नेटवर्क बना लिया था।
पुलिस इनकी भी जाँच कर रही है। दक्षिण भारत में बच्चों को बेचने में भी इसकी भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि दक्षिणी राज्यों में बच्चों को किस नेटवर्क के ज़रिए बेचा जाता था। पुलिस के अनुसार, ये लोग गोद लेने के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ भी बनवा लेते थे ताकि कहीं कोई सबूत न मिले।
इसी के चलते यह गिरोह पिछले तीन सालों से खुलेआम बच्चों की तस्करी कर रहा था और अब तक पकड़ा नहीं गया था। ऐसे में इन्होंने दक्षिणी राज्यों में भी अपना नेटवर्क फैलाना शुरू कर दिया। दिल्ली के सराय काले खां बस अड्डे से बच्चा चोरी करने के मामले में पुलिस आगरा के फतेहाबाद में नर्सिंग होम चलाने वाले कमलेश कुमार के लिए काम करने वाले रामबरन की तलाश कर रही है।
आरोपी की तलाश में यूपी के कई जिलों में छापेमारी की जा रही है। रामबरन ने अपने चचेरे भाई वीरभान को बच्चा चुराने के लिए कहा था। उसने उससे डेढ़ लाख रुपये में बच्चा खरीदा था। पुलिस के मुताबिक रामबरन के चार बच्चे हैं। पिछले साल उसकी पांचवीं बेटी हुई थी, जिसे उसने बेच दिया।
इस मामले में बहनों कृष्णा और प्रीति की मां दाई का काम करती है। ऐसे में पुलिस जांच कर रही है कि अनचाहे गर्भ वाली युवतियों की डिलीवरी करवाने में उसकी कोई भूमिका तो नहीं है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कई और गिरफ्तारियां होंगी, जिसके बाद कुछ और नवजात बच्चे बरामद हो सकेंगे।
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