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    मुंबई में लाल बाग के राजा की शोभायात्रा में श्रद्धालुओं को बनाया शिकार, गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 06:45 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने मुंबई में मोबाइल चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के चार सदस्यों को 45 चोरी के मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया है जिन्हें नेपाल भेजा जाना था। यह गिरोह शोभायात्राओं और भीड़भाड़ वाले आयोजनों में चोरी करता था। गिरोह का सरगना मोहम्मद शकील है जो 14 वर्षों से इस अपराध में शामिल है।

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    लाल बाग के राजा की शोभायात्रा से चुराए गए 45 महंगे मोबाइल।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुंबई के लाल बाग के राजा की शोभायात्रा और वहां के अन्य गणेश मूर्ति विसर्जन स्थलों से महंगे मोबाइल फोन चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है।

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    इनके कब्जे से मुंबई से चुराए गए 45 महंगे मोबाइल बरामद किए गए हैं। ये मोबाइल नेपाल भेजे जाने थे। गिरोह के सदस्य देशभर में शोभायात्राओं व भीड़भाड़ वाले आयोजनों में चोरी की वारदात करते थे।

    डीसीपी विक्रम सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम मोहम्मद शकील (दिलशाद कालोनी, सीलमपुर), मोहम्मद शफीक (कानपुर), शम्शुल हसन (नंद नगरी) और दिलशाद (कानपुर) है।

    एसीपी सुनील श्रीवास्तव व इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह की टीम लंबे समय से मोबाइल चोरी व झपटमारी के मामलों की जांच कर रही थी, खासतौर पर उन गिरोहों की जो चोरी के मोबाइल फोन नेपाल में बेचते थे।

    उसी दौरान पता चला कि एक सक्रिय गिरोह धार्मिक उत्सवों और भीड़भाड़ वाले स्थानों को निशाना बना रहा है। हाल ही में इस गिरोह ने महाराष्ट्र के लाल बाग के राजा के जुलूस में शामिल लोगों के मोबाइल फोन चोरी किए थे, जिन्हें नेपाल भेजा जाना था।

    गिरोह का मुखिया मोहम्मद शकील अपने साथियों के साथ ईद व गणपति विसर्जन के दौरान मुंबई गया था। सूचना मिली कि वह ट्रेन से दिल्ली लौटेगा।

    टीम ने मोबाइल नंबरों के लोकेशन का मैपिंग करते हुए पाया कि हरिद्वार एक्सप्रेस जो रात 2:30 बजे हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंचती है, संदिग्धों की लोकेशन से मेल खा रही है।

    उन्हें पकड़ने के लिए मथुरा रेलवे स्टेशन पर टीम को भेजा गया। टीम ने मथुरा से ट्रेन में सवार होकर संदिग्धों पर निगरानी रखी। रेलवे स्टाफ की मदद से यात्रियों की सूची की जांच की गई और संदिग्धों की मौजूदगी की पुष्टि हुई। जिसके बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    मोहम्मद शकील, गिरोह का सरगना है। वह करीब 14 वर्षों से मोबाइल चोरी का अपराध कर रहा है। वह दिल्ली में किराए पर अपने परिवार के साथ रह रहा है। वह पहले कटरा, अजमेर, प्रयागराज और दिल्ली में गिरफ्तार हो चुका है।

    चोरी किए गए मोबाइल को रुप्रिया, बहराइच (यूपी) ले जाया जाता था और फिर वहां से नेपाल भेज दिया जाता था। मोहम्मद शफीक, शकील का बचपन का दोस्त। वह पहले जूता फैक्ट्री में काम करता था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण गिरोह में शामिल हो गया।

    यह भी पहले अजमेर, उन्नाव और कानपुर में गिरफ्तार हो चुका है। शम्शुल हसन, पहले वेल्डर और बाद में आटो चालक के रूप में काम किया। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण एक वर्ष पहले वह भी शकील के संपर्क में आया और गिरोह से जुड़ गया।

    दिलशाद पहले लेदर इंडस्ट्री में कार्यरत था। चाकू, शराब और आर्म्स एक्ट के मामलों में वह पहले कानपुर और मंडोली में गिरफ्तार हो चुका है।

    आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि चार सितंबर को ये सभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बांद्रा, मुंबई गए थे। छह व सात सितंबर को इन्होंने जुहू चौपाट्टी और लाल बाग के राजा की शोभायात्रा में बड़े पैमाने पर मोबाइल चोरी की। चोरी के मोबाइल शकील और दिलशाद के पास थे।

    कामरान उर्फ सादिक को छह को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शेष चार नौ सितंबर को ट्रेन से दिल्ली लौट गए थे जिन्हें हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया गया।

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